पटना, हिंदू समाज, ब्राह्मणों और मुसहरों के खिलाफ बयान देकर जीतन राम मांझी ढेरों लोगों और संगठनों के निशाने पर आ गए हैं। हालत यह है कि उनके विरोधी तो विरोधी समर्थक भी मोर्चा खोलने लगे हैं। बिहार के अलग-अलग थानों में मांझी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का सिलसिला तेज हो गया है। इस बीच एक भाजपा नेता मांझी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देकर माहौल को और अधिक गर्म कर दिया है। गजेंद्र झा नाम के इस भाजपा नेता के बयान पर मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को नाराज कर दिया है।
तूल पकड़ता जा रहा है मामला
हिंदू धर्म व पंडितों पर जीतन राम मांझी के विवादित बयान का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा नेता गजेंद्र झा के द्वारा मांझी की जीभ काटने वाला बयान देने पर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि किसकी मां ने दूध पिलाया है, जो जीतन राम मांझी की जीभ काट ले। भाजपा नेतृत्व अपने नेताओं को संभाले, नहीं तो परिणाम बुरे होंगे। जब मांझी ने खेद प्रकट कर दिया तो फिर मामले को तूल देना ठीक नहीं है।
विवेक ठाकुर ने की बयान की निंदा
राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर ने कहा कि मांझी की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है। समाचार में रहने व सस्ती लोकप्रियता के लिए उनकी यह ओछी राजनीति है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया वे मांझी को भारतीय संस्कृति व ङ्क्षहदू धर्म के अध्ययन का शार्ट टर्म कोर्स कराए। उन्हें रामायण सर्किट का दौरा भी कराया जाना चाहिए । ठाकुर ने कहा मांझी अमर्यादित टिप्पणी पर माफी मांग बड़प्पन दिखाएं।
अपने नाम से राम का परित्याग करें मांझी : मनोज
भाजपा प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा कि भगवान राम एक संस्कार, संस्कृति, प्रेरणा और मर्यादा हैं। जिन लोगों को राम के नाम पर संदेह हैं वैसे लोग पहले अपने नाम से राम का परित्याग करें। शर्मा ने कहा मांझी बिहार के मुख्यमंत्री रहे लेकिन उनकी भाषा, व्यक्तित्व और संस्कार उस पद लायक नहीं थे। खुद को पढ़ा-लिखा बताने वाले मांझी ने रामायण का अध्ययन भी ठीक से नहीं किया होगा। एक बार अयोध्या घूम आएं, उन्हें सब ज्ञात हो जाएगा।
बड़बोलेपन का शिकार हो गए हैं मांझी
विधान पार्षद प्रमोद चंद्रवंशी ने कहा कि किसी समाज को गाली देकर अपने समाज का हितैषी बनने की राजनीति स्वार्थ और समाज में फूट डालने की ओछी राजनीति होती है। मांझी उसी रास्ते पर चल पड़े हैं। इस रास्ते पर उन्हें कुछ भी हासिल नहीं होगा। बल्कि वे राजनीति के हाशिये पर चले जाएंगे। चंद्रवंशी ने मांझी की समाज में फूट डालने वाले बयान देने के लिए निंदा की है।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के विरुद्ध मानहानि का केस दर्ज
मांझी के बयान से नाराज अलग-अलग संगठनों के लोग उनके खिलाफ राज्य के अलग-अलग थानों में आवेदन दिए जा रहे हैं। कुछ जगह प्राथमिकी दर्ज करने की बात भी सामने आ रही है। कई जगह कोर्ट में परिवाद दायर किए जाने की जानकारी मिल रही है। उनके खिलाफ समस्तीपुर के रोसड़ा व्यवहार न्यायालय और बेतिया में भी परिवाद दायर किया गया है। पटना के कोतवाली व राजीव नगर थाने में भी उनके खिलाफ आवेदन दिया गया है। गोपालगंज कोर्ट में भी उनके खिलाफ परिवार दायर किया गया है।
इनपुट : जागरण