श्रीनगर, : दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में सोमवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच जारी मुठभेड़ के दौरान छिपे आतंकियों के ठिकाने का पता लगाने वाले आर्मी डाग जूम ने आखिरकार वीरवार दोपहर को दम तोड़ दिया। वह आतंकियों की गोलियों को घायल हो गया था। उसका 54 AFVH (एडवांस फील्ड वेटरनरी हास्पिटल) में इलाज चल रहा था। हालांकि जूम करीब पौने बारह बजे तक अच्छी प्रतिक्रिया दे रहा था, जिससे उसके जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद जगी थी, लेकिन पंद्रह मिनट बाद ही करीब 12 बजे वह दम तोड़ दिया। उसे सेना की ओर से पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई देने की तैयारी की जा रही है।
#UPDATE | Army dog Zoom, under treatment at 54 AFVH (Advance Field Veterinary Hospital ), passed away around 12 noon today. He was responding well till around 11:45 am when he suddenly started gasping & collapsed: Army officials
— ANI (@ANI) October 13, 2022
He had received 2 gunshot injuries in an op in J&K pic.twitter.com/AaEdKYEhSh
बता दें कि बीते रविवार की रात से ही अनंतनाग में मुठभेड़ जारी थी। सेना आतंकियों पर जवाबी कार्रवाई तो कर रही थी, लेकिन उसके सही ठिकाने का कुछ पता नहीं चल पा रहा था। यह भी पता नहीं चल रहा था कि कितने आतंकी छिपे हैं। ऐसे में सेना ने अपने जांबाज डॉग जूम को कैमरे के साथ मैदान-ए-जंग में उतार दिया था। फिर गोलीबारी के बीच जूम आतंकियों की मांद तक पहुंच गया। इससे दो आतंकी कमांडरों को अपनी जान बचाना मुश्किल हो गया। आतंकियों ने जूम पर गोलियां दाग दीं। दो गोली खाकर जूम जख्मी हो गया था. फिर भी वह डटा रहा। इसी दौरान सैन्यकर्मियों ने आतंकियों का काम तमाम कर दिया।
जूम की जांबाजी से दो आतंकी हुए थे ढेर
करीब 10 घंटे तक जारी मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के हिट स्कायड द रजिस्टेंस फ्रंट के दो कमांडर आसिफ अहमद उर्फ हुबैब व वकील अहमद उर्फ तल्हा मारे गए थे। दो सैन्यकर्मी भी जख्मी हुए थे। इस मुठभेड़ में जिस आमी डाग जूम को आतंकरोधी अभियान में शामिल किया गया था, उसे विशेष प्रशिक्षण दिया गया था। मेरठ में भी उसे विशेष प्रशिक्षण दिया गया था। उसे गोलीबारी के बीच आतंकियों की सही स्थिति का पता लगाकर उन पर हमला करने में दक्ष किया गया था।
बारामुला के वनिगाम में एक्सल ने अपनी जान देकर बचाई थी जिंदगियां
तीन महीने पहले 29 जुलाई को भी आतंकियों के खिलाफ एक सैन्य आपरेशन के दौरान बारामुला का वनिगाम बाला क्षेत्र में बेल्जियन मेलिनास नस्ल का आर्मी डाग एक्सल भी मारा गया था। उस समय भी आतंकी ऐसे ही छिपे हुए थे। तब सेना ने प्रशिक्षित कुत्ता एक्सल और बजाज के बाडी में कैमरा लगाकर आतंकियों की मांद मेें भेजा था। ये दोनों बड़ी फुर्ती से वहां पहुंच गए थे, जहां गोलियों की बौछार के बीच पहुंचना आसान नहीं था। इस तरह इन्होंने न सिर्फ सुरक्षाबलों के एक दस्ते को आतंकियों की सीधी फायरिंग रेंज में आने से बचाया, बल्कि उनके ठिकाने की स्टीक जानकारी भी सुरक्षाबलों तक पहुंचाई थी।
उस समय सुरक्षाबलों ने करीब तीन घंटे तक चली मुठभेड़ में एक दुर्दांत आतंकी को मार गिराया था। इसमें तीन सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए थे। 26 आर्मी डाग यूनिट का हिस्सा रहे एक्सल और बजाज की जांबाजी से सेना को सफलता मिली थी। लेकिन इस दौरान बजाज फायरिंग के बीच अपनी जान बचाकर भाग निकला था, लेकिन एक्सल आतंकियों की गोलियों की चपेट में आ गया था। एक्सल को बाद में पूरे सम्मान के साथ सेना ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी थी।
इनपुट : दैनिक जागरण