मुजफ्फरपुर, एंटीजन किट कालाबाजारी मामले में फरार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। इस मामले में अभी सदर अस्पताल के प्रबंधक प्रवीण कुमार व सरैया के लैब टेक्नीशियन अमितेश कुमार की तलाश है। सकरा थानाध्यक्ष प्रशिक्षु डीएसपी सतीश सुमन ने बताया एंटीजन किट कालाबाजारी मामले में सात लोगों के खिलाफ प्राथमिक दर्ज है। इसमें पांच लोगों को जेल भेजा जा चुका है। अभी दो आरोपित फरार हैैं। लैब टेक्नीशियन गिरोह को संरक्षण देने वाले लोगों से भी पूछताछ जारी है। शीघ्र सभी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

मड़वन के प्रबंधक ने दिया योगदान

सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ.शिवंशकर ने बताया कि सिविल सर्जन के मौखिक आदेश पर मड़वन के स्वास्थ्य प्रबंधक का सदर अस्पताल में योगदान कराया गया है। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल के प्रबंधक प्रवीण कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने और मोबाइल स्विच ऑफ कर फरार होने की जानकारी सीएस को दी गई है। उनके आदेश के बाद अगला कदम उठाया जाएगा।

40 लाख में किट बेचने की थी तैयारी

जेल भेजे गए लैब टेक्नीशियन गिरोह के सदस्यों से जो जानकारी पुलिस को मिली है उसके मुताबिक एक हजार रुपये में सरकारी एंटीजन किट बाजार में उपलब्ध कराई जाती थी। सरकारी अस्पताल मेंं कोरोना जांच को लेकर उमड़ रही भीड़ से अधिकतर लोग अपने घर पर की जांच कराना चाहते हैं। इसके लिए निजी लैब या लैब टेक्नीशियन से संपर्क में रहते थे। इसका लाभ उठाकर एक हजार रुपये में किट बेची जा रही थी। अगर चार हजार किटें बाजार में बिक जातीं तो 40 लाख की अवैध कमाई होती। अब पुलिस जांच का दायरा आगे बढ़ेगा तो पता चलेगा कि एंटीजन किट की कालाबाजारी से अब तक कितनी कमाई की जा चुकी थी। सिविल सर्जन डॉ.एसके चौधरी ने कहा कि सरकारी एंटीजन किट को बाजार में बेचना गंभीर मामला है। दो दिनों में सदर अस्पताल के प्रबंंधक के खिलाफ कार्रवाई पर फैसला हो जाएगा। यहां का काम प्रभावित न हो इसके लिए मड़वन के प्रबंधक का योगदान कराया गया है। पुलिस को जांच में सहयोग किया जा रहा है। सभी अभियुक्तों पर उचित कानूनी व विभागीय कार्रवाई होगी।

इनपुट : जागरण

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