अरवल: बिहार के थानों में जब्त अवैध हथियारों को गलाकर अब पुलिस खेती के लिए औजार बनवाएगी. इसकी शुरुआत राज्य के अरवल जिले से होने जा रही है. जिले के एसपी राजीव रंजन ने इसके लिए कोर्ट से अनुमति मांगी है. पहले जब्त किए गए अवैध हथियारों को नष्ट कर दिया जाता था. इसके लिए पुलिस को अलग से खर्च करना पड़ता था. लेकिन अब थानों में जब्त अवैध हथियारों के सदुपयोग की अनूठी पहल की गई है.

एसपी राजीव रंजन ने कहा कि शुरुआत में तीस पुराने मामलों में जब्त हथियारों को गलाने के लिए कोर्ट से आदेश मांगा गया है. आदेश आने पर आगे अन्य मामलों में जब्त हथियारों को भी गलाने की प्रकिया शुरू की जाएगी. जिले के थाने और चौकियों के मालखानों में जमा अवैध हथियारों को गलाकर खुरपी, कुदाल, हसिया, खेती बनाने की तैयारी पुलिस काफी समय से कर रही है.

सभी थानों और चौकियों से अवैध हथियारों की मांगी गई रिपोर्ट

जिला पुलिस मुख्यालय ने सभी थानों और चौकियों से अवैध हथियारों की रिपोर्ट मांगी है. एसपी ने बताया कि फिलहाल 30 पुराने मामलों में जब्त हथियारों को गलाने के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी गई है. जिले के थानों में अपराधियों से जब्त हथियार मालखाने में दशकों से बंद पड़े हैं. अदालत से मुकदमे का फैसला आने के बाद भी इन्हें नष्ट नहीं किया जा सका है.

एसपी ने बताया कि इसे न तो नीलाम किया जा सकता न ही किसी को लौटाया जा सकता है. अब ऐसे हथियारों के रचनात्मक कार्य में उपयोग के लिए कृषि उपकरण निर्माण की सोच बनी है. ऐसे हथियारों को कोर्ट से अनुमति लेने के बाद पुलिस की निगरानी में गलाकर खेती के औजार बनाए जाएंगे. अनुमति के बाद मालखाने से निकालकर पुलिस निगरानी में लोहार की भट्ठी में गलाकर लोहा अलग कर लिया जाएगा. इससे खेती के औजार तैयार किए जाएंगे.

Input : Lokmat news

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