मंगलवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव के इंतजाम का निरीक्षण किया. नीतीश कुमार एकाएक बाढ पीड़ितों का हाल जानने खोरमपुर बांध पर पहुंच गए थे. शीर्ष अधिकारियों को छोड़कर अन्य किसी को भी सीएम के इस दौरे की जानकारी नहीं थी. बाढ़ प्रभावितों को राहत देने के लिए नीतीश सरकार ने ऐलान किया है कि बाढ़ राहत शिविरों (Bihar Flood Relief Camp) में रह रहीं गर्भवती महिलाओं को बेटा होने पर 10 हजार रुपये और बेटी होने पर 15 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी.
मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. इस दौरान नीतीश कुमार ने गंगा नदी के किनारे बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा भी किया. भागलपुर, खगड़िया और बेगूसराय के बाढ़ प्रभावित इलाकों का स्थल निरीक्षण के साथ-साथ सीएम नीतीश कुमार ने बाढ़ राहत शिविर और बाढ़ से बचाव के लिए सरकार के द्वारा किए गए इंतजामों का भी जायजा लिया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार के खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का है, इसलिए राज्य सरकार की तरफ से बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. सीएम ने कहा कि सभी प्रभावित लोगों को राहत मिले, इसके लिए हर जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं. राज्य सरकार की तरफ से बाढ़ प्रभावित प्रति परिवार को 6,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है. साथ ही बाढ़ राहत शिविरों में सभी प्रभावित लोगों के आवासन, भोजन आदि का प्रबंध किया गया है. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं का विशेष रूप से ख्याल रखा जा रहा है.
सीएम ने तुरंत सुनी महिला की गुहार
दोपहर को जैसे ही सीएम खोरमपुर बांध पर अपनी गाड़ी से निकलकर आगे बढ़े, बांध पर अपने घरों का सामान लिए खड़ी महिला को देखकर नीतीश कुमार ने हाल-चाल पूछा. सीएम ने पूछा घर का सारा सामान सड़क पर यहां क्यों रखा हुआ है, जिसपर रुक्मणी देवी और सीता देवी सहित अन्य महिलाओं ने बताया कि ‘की करियै कोय उपाय नैय छै.’ पीड़ित महिला ने कहा- ‘एगो पन्नीओ त घोर झांपेय लैय नैय देलकै हन’ पास खड़े डीएम की तरफ जैसे ही सीएम ने देखा तो डीएम ने कहा सर दो हजार पॉलीथीन शीट बंटा गया है. जिस पर वहां खड़ी महिलाओं ने कहा कि हमें कुछ नहीं मिला है. इसके बाद सीएम ने महिला और अन्य पीड़ितों को तुरंत पॉलीथीन शीट उपलब्ध कराने के आदेश दिए.
निरीक्षण के दौरान निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि बाढ़ राहत शिविर का पूरा प्रबंधन ठीक रखें. उन्होंने कहा कि हवाई सर्वेक्षण के क्रम में हमने देखा है कि काफी संख्या में लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, इसलिए जरूरत के मुताबिक राहत शिविरों की संख्या बढ़ाएं, ताकि प्रभावित लोगों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो. सीएम नीतीश ने कहा कि बाढ़ राहत शिविरों में लोगों की संख्या भी सीमित रखें ताकि लोगों को रहने में कोई असुविधा न हो. मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत शिविर में रह रहे लोगों से सामुदायिक रसोई में मिलने वाले भोजन के संबंध में जानकारी ली. बाढ़ राहत चिकित्सा शिविर, सामुदायिक रसोई आदि का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई जरूरी निर्देश दिए. नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों का हम लगातार दौरा कर रहे हैं. इसके साथ ही स्थल निरीक्षण कर बाढ़ राहत शिविरों की स्थिति की भी जानकारी ले रहे हैं. हम प्रतिदिन बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति की जानकारी लेते रहते हैं और आवश्यक गाइडलाइन्स भी जारी किये जाते हैं.
Input : Tv9 bharatvarsh