पटना, Hooch Tragedy in Bihar बिहार के गोपालगंज में बुधवार को जहरीली शराब (Poisonous Liquor) पीने से आठ लोगों की मौत (Hooch Deaths) की खबर अभी गर्म ही है कि गुरुवार से शुक्रवार तक पश्चिम चंपारण के नौतन में 12 की मौत हो गई। पश्चिम चंपारण में दीपावली (Deepawali) के दिन मरने वाले एक दर्जन लोगों के घरों में जहरीली शराब का अंधेरा छा गया। शराबबंदी (Liquopr Ban) वाले बिहार में बीते तीन दिनों के दरम्यान जहरीली शराब (Poisonous Alcohol) पीने से 28 लोगों की मौत हो चुकी है। साल 2021 की बात करें तो अब तक जहरीली शराब करीब 93 लोगों की जान ले चुकी है। ऐसी घटनाओं को लेकर विपक्ष (Opposition) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की शराबबंदी को फेल बताते हुए सरकार पर हमलावर है तो सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने कहा है कि मुख्यमंत्री अवैध शराब की घटनाओं को लेकर गंभीर हैं।
गौरतलब तथ्य यह भी है कि शराबबंदी के बाद से बिहार में अब तक जहरीली शराब से हुई करीब 128 मौतों में सर्वाधिक 93 साल 2021 में ही हुई है। इसके पहले शराबबंदी के बाद साल 2016 से 2020 तक जहरीली शराब के कारण 35 लोगों की मौत हुई थी।
पश्चिम चंपारण में 15 लोगों की मौत
पश्चिम चंपारण के नौतन प्रखंड के बेलवा गांव में दीपावली की पूर्व रात्रि से बभी तक संदिग्ध परिस्थितियों में 15 लोगों की मौत हो गई है। सूत्रों के अनुसार बीती रात जहरीली शराब पीने से हनुमत सिंह, महराज यादव, बच्चा यादव, मुकेश पासवान, जवाहिर सहनी, रमेश सहनी एवं उमा साह की मौत की हो गयी। उमा साह की मौत का कारण स्वजन बीमारी बता रहे हैं। दूसरी ओर गांव के लोगों की मानें तो सबों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है। शुक्रवार की सुबह तक मौत के आंकड़े बढ़कर 15 तक पहुंच गए हैं। कई बीमार लोगों की गंभीर स्थिति को देखते हुए मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
डाक्टर ने की स्प्रिट पीने की पुष्टि: कई मरीजों का इलाज कर रहे जगदीशपुर के ताज अस्पताल के चिकित्सक डा. इफ्तेखार आलम ने मरीजों के स्प्रिट पीने की पुष्टि कर दी है। सूत्र बता रहे हैं कि जहरीली शराब पीने से बीमार एक दर्जन के अधिक लोगों का दरभंगा मेडिकल कालेज एवं अस्पताल सहित कई निजी अस्पतालों में चल रहा है।
पुलिस कर रही मामले की जांच: डाक्टर ने मामले में बीमार लोगों के स्प्रिट पीन की पुष्टि कर दी है, लेकिन पुलिस-प्रशासन फिलहाल जहरीली शराब से मौत की पुष्टि नहीं कर रहा है। पुलिस का रटा-रटाया जवाब है कि जांच व पोस्टमार्स्टम के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। गुरुवार की सुबह घटना की जांच करने स्थानीय थाने की पुलिस गांव पहुंची। एसडीपीओ मुकुल परिमल पांडेय ने संदिग्ध परिस्थितियों में कुछ लोगों की मौत की सूचना को स्वीकार किया, लेकिन जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होने की बात कही। इस बीच जगदीशपुर थानाध्यक्ष नवीन कुमार ने ताज अस्पताल पहुंच कर मामले की जांच की है।
गोपालगंज में 13 लोगों की हुई मौत
उक्त घटना के एक दिन पहले ही गोपालगंज में जहरीली शराब ने आठ लोगों की जान ले ली थी। अभी तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो चुकी है। गाेपालगंज के महम्मदपुर थाने के महम्मदपुर गांव में मंगलवार व बुधवार के दौरान जहरीली शराब पीने से आठ लोगों की मौत हो गई थी। वहां जहरीली शराब पीकर बीमार पांच अन्य लोग भी गुरुवार तक मर चुके थे। अभी भी कई बीमार लोगों का इलाज गोपालगंज, मोतिहारी और पटना के अस्पतालों में चल रहा है।
जहरीली शराब से हुई मौत: इस मामले में भी प्रशासन अभी तक मौतों को संदिग्ध मान रहा है। गाेपालगंज के डीएम कहते हैं कि शवों का पोस्टमार्टम व एसएफएल जांच कराई जा रही है। पुलिस अवैध शराब के चार संदिग्ध धंधेबाजों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। पुलिस फिलहाल भले ही नहीं माने, मृतकों के स्वजन जहरीली शराब से मौत की बात कर रहे हैं। एक मृतक संतोष साह की मां उमरावती देवी ने कहा कि उनके बेटे ने मंगलवार की रात शराब पी थी। आधी रात में उसकी तबीयत बिगड़ गई, फिर उसकी मौत हो गई। महम्मदपुर गांव के लोगों ने कहा कि मंगलवार की रात उन लोगों (बीमार व मरने वालों) ने महम्मदपुर चौक पर शराब पी थी। इसके बाद उन्हें पेट दर्द, उल्टी, दस्त, धुंधला दिखाई दने तथा सिर में चक्कर आने के बाद इलाज के लिए ले जाया गया। मृतकों के परिवार से मुलाकात करने वाले बिहार सरकार में मंत्री जनक राम के अनुसार जहरीली शराब के कारण कम-से-कम सात लोगों की जान गई है।
2021 में जहरीली शराब ने ली 93 की जान
बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) लागू है, लेकिन यहां जहरीली शराब से मौत का सिलसिला लगातार जारी है। साल 2021 में अब तक 15 अलग-अलग घटनाओं में जहरीली शराब से करीब 93 लोगों की मौत हो चुकी है। यही रफ्तार रही तो इस साल यह आंकड़ा सौ पार कर ले तो आश्चर्य नहीं। खास बात यह भी है कि शराबबंदी के बाद अभी तक राज्य में करीब 128 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है। सर्वाधिक मौतें साल 2021 में ही हुई हैं।
साल 2021 की कुछ घटनाएं, एक नजर
पश्चिम चंपारण व गाेपालगंज की बीते दो दिनों के दौरान की घटनाओं के पहले भी ऐसी कई बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। इस साल जहरीली शराब से मौत का खाता मुजफ्फरपुर में 17 और 18 फरवरी 2021 को कटरा थाना इलाके में पांच की मौत से खुला था। आगे 26 फरवरी को भी मुजफ्फरपुर के मनियार स्थित विशनपुर गिद्दा में दो ग्रामीणों की मौत हाे गई। फिर, 28 अक्टूबर 2021 को भी मुजफ्फरपुर के सरैया थाना क्षेत्र के रूपौली और विशहर पट्टी गांवों में जहरीली शराब ने आठ लोगों की जान ले ली।
जहरीली शराब से मौत के बड़ी घटना नवादा में होली के बाद हुई थी, जब टाउन थाना क्षेत्र के गांवों में 16 से अधिक लोगों की जान गई थी। होली के बाद ही जहरीली शराब से बेगूसराय के बखरी में दो, कोचा में चार, गोपालगंज के विजयपुर के मंझौलिया में तीन, मुफस्सिल के बरही बीघा में एक, रोहतास के करगहार में एक तथा कैमूर के टाउन थाना क्षेत्र में दो लोगों की मौत हो गई थी।
जहरीली शराब से मौत की एक और बड़ी घटना तुलाई में पश्चिमी चंपारण में 16 की मौत के साथ चर्चा में आई थी। आगे सीवान के गुठनी में बीते 24 अक्टूबर को चार तथा इसके पहले वैशाली के राजापाकड़ में 12 अक्टूबर को एक की मौत की घटनाएं भी चर्चा में रहीं।
विपक्ष हमलावर तो बचाव में उतरा जेडीयू
लगातार हो रही ऐसी घटनाओं को विपक्ष बिहार में शराबबंदी की विफलता मानता है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रवक्ता चितरंजन गगन कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिखावे वाली शराबबंदी ने एक समानांतर अर्थव्यवस्था को जन्म दिया है, जिसमें अवैध शराब निर्माण, शराब की तस्करी तथा उसकी घरों में आपूर्ति को पुलिस का संरक्षण प्राप्त है। इस कारण निर्दोष लोगों की मौत हो रही है। विपक्ष की आलोचना के बीच जेडीयू प्रवक्ता डा. सुहेली मेहता कहतीं हैं कि ये घटनाएं निश्चित तौर पर दर्दनाक हैं और नहीं होनी चाहिए। हालांकि, इसमें समाज की सक्रिय भागीदारी भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अवैध शराब की घटनाओं को लेकर गंभीर हैं। उन्होंने शीर्ष पुलिस और आबकारी अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
इनपुट : जागरण