उत्तर प्रदेश में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम की नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर के लिये भूमि पूजन की तारीख का अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर छोड़ दिया गया है। मंदिर निर्माण के लिये गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में शनिवार को भूमि पूजन की तारीख समेत अन्य बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया। राम मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए आज 18 जुलाई को अयोध्या के सर्किट हाउस में ‘रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ की बैठक हुई है, जिसमें भूमि पूजा की तारीख को तय किया गया। ट्रस्ट की ओर से मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजा किए जाने की तारीख तय कर ली गई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 3 और 5 अगस्त की तारीख भूमि पूजन के लिए भेजी गई है, अब इस पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ही तय करेगा।

बैठक के बाद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय द्वारा राम मंदिर निर्माण को लेकर अहम जानकारी भी दी बताई है, उन्होंने बताया की रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के भव्य व दिव्य मंदिर में तीन से साढ़े तीन साल का अधिकतम समय लगेगा। यह मंदिर देश के दस करोड़ श्रद्धालुओं के सहयोग से बनाया जाएगा। राम मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा, इसमें अब तीन की बजाय पांच गुंबद बनाए जाएंगे।

सोमपुरा मार्बल ब्रिक्स ही मंदिर का निर्माण करेगा, सोमनाथ मंदिर को भी इन लोगों ने बनाया है, कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो मिट्टी परीक्षण के लिए नमूने जुटा रही है। मंदिर की नींव का निर्माण मिट्टी की क्षमता के आधार पर 60 मीटर नीचे किया जाएगा। नींव रखने का काम नक्शे के आधार पर शुरू होगा।
अयोध्या के सर्किट हाउस में शनिवार को दोपहर लगभग 4 बजे बैठक शुरू हुई, जिसमें चंपत राय के अलावा अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, कामेश्वर चौपाल, नृत्यगोपाल दास, गोविंद देव गिरी महाराज और दिनेंद्र दास समेत दूसरे ट्रस्टी सर्किट हाउस में शामिल रहे।