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नववर्ष के पहले सप्ताह मे आप लोगो को आसमान मे आतिशबाजी (उल्कावृष्टि ) देखने को मिल सकती है. हालांकि इसकी शुरुआत 28 दिसंबर से ही शुरू हो चुकी है, जो 12 जनवरी तक देखी जा सकती है। लेकिन आज सोमवार को आसमानी आतिशबाजी चरम पर रहेगी। आजकल रात में क्वाडरटीड्स मेटियोर शावर का खूबसूरत नजारा देखने का मौका है।

इस बीच रविवार व सोमवार रात को इस घटना में 60 से 200 जलती उल्काओं को प्रति घंटे देखा जा सकता है। यह सामान्य खगोलीय घटना है। इसके बाद अब अगली उल्कावृष्टि अप्रैल में देखा जा सकेगी। इस खगोलीय घटना को बेहतर ढंग से देखने के लिए रोशनी से दूर अंधेरे वाले स्थानों में जाना होता है। एस्ट्रोफोटोग्राफर ऐसे ही शांत व अंधेरे वाले स्थानों से इस घटना को कैमरे में कैद करते हैं।

उल्कावृष्टि को लोग सामान्यतया तारा टूटना कहते हैं, जबकि हकीकत में जब किसी धूमकेतु द्वारा छोड़े गया धातु, धूल-कण आदि मलबा पृथ्वी के वातावरण से टकराता है तो वह जल उठता है और यही आतिशी नजारा उल्कावृष्टि बनता है।

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