मुजफ्फरपुर: जिले में मंगलवार को एक बड़ी प्राकृतिक आपदा ने दस्तक दी, जब कुढ़नी और मड़वन प्रखंड की सीमा पर स्थित खरौना डीह गांव के पास तिरहुत नहर का तटबंध दोपहर करीब 12:20 बजे अचानक टूट गया। तटबंध का लगभग 30 फीट का हिस्सा पूरब दिशा में पकड़ी पकोही के पास फाटक संख्या 704 के निकट ध्वस्त हो गया, जिससे आसपास के इलाकों में हाहाकार मच गया।
नहर से निकला तेज बहाव वाला पानी देखते ही देखते कुढ़नी प्रखंड के खरौना, तारसन, सुमेरा, मड़वन प्रखंड के पकड़ी पकोही और मुशहरी प्रखंड के मादापुर, धर्मपुर सहित कई गांवों में फैल गया। लगातार खुले फाटक के कारण पानी का प्रवाह और तेज हो गया, जिसने न केवल घरों और स्कूलों को अपनी चपेट में लिया, बल्कि सैकड़ों एकड़ में तैयार खड़ी धान की फसल को भी पूरी तरह बर्बाद कर दिया।
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स्थानीय लोगों में इस आपदा से अफरातफरी मच गई। कई परिवार अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागे, जबकि स्कूलों में बच्चों को तत्काल निकालने की व्यवस्था की गई। ग्रामीणों ने बताया कि तटबंध की मरम्मत और रखरखाव में लापरवाही इस हादसे की बड़ी वजह हो सकती है।
जिला प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्रक्रिया जारी है। साथ ही, तटबंध की मरम्मत के लिए इंजीनियरों की एक टीम मौके पर भेजी गई है।
यह घटना एक बार फिर नहरों और तटबंधों के रखरखाव पर सवाल खड़े करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर तटबंधों की मरम्मत और निगरानी से इस तरह की आपदाओं को रोका जा सकता है। प्रभावित ग्रामीणों ने सरकार से तत्काल मुआवजे और पुनर्वास की मांग की है, ताकि उनकी बर्बाद हुई फसलों और घरों का नुकसान कम किया जा सके।