बिहार विश्वविद्यालय में छात्र की पिटाई का मामला पहुंचा मानवाधिकार आयोग।
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बिहार विश्वविद्यालय में छात्र की पिटाई का मामला पहुंचा मानवाधिकार आयोग।

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय में पीजी चौथे सेमेस्टर (सत्र 2023-25) की परीक्षा में देरी के कारण पूछताछ करने गए छात्र मुकेश शर्मा के साथ परीक्षा नियंत्रक द्वारा कथित बदसलूकी और कॉलर पकड़ने का मामला गंभीर रूप ले चुका है। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो के बाद सुर्खियों में है, जिसमें परीक्षा नियंत्रक छात्र का कॉलर पकड़ते नजर आ रहे हैं। इस मामले ने अब राष्ट्रीय और बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग का ध्यान खींचा है, जहां मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के. झा ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं।

मामले की जड़ में विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही बताई जा रही है, जिसके कारण पीजी परीक्षा जुलाई के बजाय सितंबर अंत तक भी आयोजित नहीं हो सकी। इस देरी से सैकड़ों छात्र STET परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए, जिससे उनके भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। जब छात्रों ने देरी का कारण जानने के लिए परीक्षा विभाग का रुख किया, तो जवाब देने के बजाय परीक्षा नियंत्रक ने बेतिया के छात्र मुकेश शर्मा के साथ कथित तौर पर बदसलूकी की। मुकेश ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक भवन में उनकी पिटाई की गई और गला दबाने की कोशिश भी हुई।

मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के. झा ने इस घटना को गंभीर बताते हुए कहा कि परीक्षा नियंत्रक का व्यवहार निंदनीय है और विश्वविद्यालय में शैक्षणिक माहौल लगातार बिगड़ रहा है। उन्होंने प्रशासन की लापरवाही को छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करार दिया। यह मामला अब मानवाधिकार आयोग के समक्ष विचाराधीन है, और विश्वविद्यालय प्रशासन पर कार्रवाई की मांग तेज हो रही है।