मुजफ्फरपुर जिले के औराई थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज घटना ने स्थानीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। शनिवार को एक दलित परिवार की किशोरी, जो मोबाइल रिचार्ज कराने के लिए घर से निकली थी, को कथित तौर पर अगवा कर लिया गया। गंभीर रूप से घायल और अचेत अवस्था में उसे सीतामढ़ी के पुपरी इलाके में पाया गया। स्थानीय पुलिस ने उसे तत्काल सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी नाजुक हालत को देखते हुए रविवार रात उसे श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) रेफर कर दिया गया। प्रारंभिक जांच में किशोरी के साथ दुष्कर्म की आशंका जताई जा रही है, हालांकि पुलिस ने मेडिकल जांच और किशोरी के बयान के बाद ही स्थिति स्पष्ट होने की बात कही है।
पुलिस की कार्रवाई और हिरासत में दो लोग
घटना की सूचना मिलते ही औराई थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है। दोनों से गहन पूछताछ की जा रही है। रविवार रात को ग्रामीण एसपी, एएसपी पूर्वी सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी SKMCH पहुंचे और पीड़िता की स्थिति का जायजा लिया। पुलिस ने बताया कि किशोरी के सिर पर चोट के निशान हैं और वह अभी अचेत है। उसके होश में आने के बाद बयान दर्ज किया जाएगा, जिससे मामले की सच्चाई सामने आ सके।
परिजनों का दर्द और पुलिस पर गंभीर आरोप
किशोरी के पिता ने बताया कि उनकी बेटी शनिवार को मोबाइल रिचार्ज कराने के लिए घर से निकली थी, लेकिन शाम तक वापस नहीं लौटी। परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की, तभी पता चला कि इलाके के दो लोगों ने उसे अगवा कर लिया। परिजनों ने औराई थाना में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 20 दिन पहले उन्होंने थाना प्रभारी को ऐसी किसी संभावित घटना की आशंका जताई थी, लेकिन कोई FIR दर्ज नहीं की गई। परिजनों का दावा है कि यदि समय पर कार्रवाई की गई होती, तो इस दुखद घटना को रोका जा सकता था।
राजनीतिक हस्तक्षेप और प्रशासन पर सवाल
घटना की जानकारी मिलते ही कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अरविंद कुमार मुकुल और बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार राम SKMCH पहुंचे और पीड़िता का हाल जाना। उन्होंने जिलाधिकारी से बेहतर इलाज सुनिश्चित करने की मांग की। राजेश कुमार राम ने पुलिस और जिला प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने पहले शिकायत पर ध्यान दिया होता, तो यह घटना टाली जा सकती थी। उन्होंने बिहार में बढ़ते अपराध और कथित “गुंडाराज” के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
आगे की जांच और समाज में आक्रोश
पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच की जा रही है। मेडिकल जांच और किशोरी के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है, और लोग प्रशासन से कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह घटना एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा और प्रशासनिक जवाबदेही पर सवाल खड़े करती है।