कोलकाता। बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न हुआ चक्रवात ‘यास’ लगातार उत्तर-उत्तर पश्चिम दिशा की तरफ बढ़ रहा है और अगले 12 घंटे में यह और भी रौद्र रूप धारण करके अति शक्तिशाली चक्रवात में बदल जाएगा। अलीपुर मौसम कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक चक्रवात इस समय ओड़िशा के पारादीप से 320 किलोमीटर व बालेश्वर से 430 किलोमीटर दूर है। इसी तरह बंगाल से दीघा से 420 किलोमीटर और बांग्लादेश के खेपुपाड़ा से 470 किलोमीटर की दूरी पर है। बुधवार दोपहर तक यह बंगाल के सागरद्वीप और ओड़िशा के बालेश्वर के बीच से गुजरेगा।

बंगाल के विभिन्न जिलों में चक्रवात का असर दिखना शुरू हो गया है। आसमान में काले बादलों ने डेरा डाल दिया है और जगह-जगह बारिश हो रही है। दक्षिण 24 परगना व पूर्व मेदिनीपुर जिलों की कई नदियों का जलस्तर अचानक से बढ़ गया है। दीघा, मंदारमणि, बकखाली, सागरद्वीप में समुद्र अशांत हो उठा है। वहां ऊंची लहरें उठ रही हैं।

चक्रवात से बंगाल के 20 जिलों के बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है। उन जिलों में 4,000 राहत शिविर खोले गए हैं। 10 लाख लोगों को जोखिम वाले स्थानों से हटाकर सुरक्षित जगहों पर लाया जा रहा है। 51 आपदा प्रबंधन टीमों का गठन किया गया है। इसके साथ ही तूफान के गुजरने के बाद तेजी से बिजली की आपूर्ति बहाल करने के लिए 1,000 पावर रेस्टोरेशन टीमें भी गठित की गई हैं। राज्य सचिवालय नवान में कंट्रोल रूम खोला गया है, जहां से आज से लगातार 48 घंटे हालात पर निगरानी रखी जा रही है।

दक्षिण 24 परगना जिले के सागरद्वीप और सुंदरवन इलाकों में तटबंधों की मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व नौसेना की टीमें वहां मुस्तैद हैं। तटवर्ती इलाकों में जिला प्रशासन की ओर से दिनभर लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को सतर्क किया जा रहा है। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सख्त हिदायत दी गई है। रेलवे स्टेशनों व कार शेडों में ट्रेनों को चेन से बांध दिया गया है। पूर्व और दक्षिण पूर्व रेलवे ने 25 से 27 मई तक विभिन्न ट्रेनों को रद कर दिया है। कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमानों को भी चेन से बांधकर रखा गया है। खिदिरपुर पोर्ट में भी ऐसा ही नजारा है। वहां बड़े जहाजों को चेन से बांधा गया है।

इनपुट : जागरण

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