Deoghar Ropeway: देवघर जिले के त्रिकुट पहाड़ पर पिछले 10 अप्रैल के शाम 4:30 बजे रोपवे हादसे के बाद 56 जिंदगी रोपवे ट्रॉली में झूलते हुए मौत और जिंदगी से जूझ रही थी. उस वक्त एक शख्स ऐसे हीरो बनकर सामने आया जिसने अपने हौसले और साहस से पहले दिन जुगाड़ तंत्र से कई लोगो को बचा लिया. वह रियल हीरो और कोई नही बल्कि मामूली सा रोपवे कंपनी में काम करने वाला पन्ना लाल पंजियारा था. जिसने अपने स्थानीय सहयोगियों के सहारे बिना अपने जान की परवाह किये और लोगों की जान बचाने में लग गया था.
पन्नालाल की हुई तारीफ
पन्ना लाल का साहस देख देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे बात किये बिना नही रह सके. इतना ही नहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें 1 लाख का इनाम भी दिया. देवघर रोपवे हादसे के बाद सबसे पहले रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने वाले रियल हीरो पन्नालाल और उसके सहयोगी गोविंद थे. रेस्क्यू कर रही सेना जिसमें वायु सेना, आइटिबिपी, एनडीआरएफ की सेना ने भरपूर एक-दूसरे का साथ दिया. जी बिहार झारखण्ड जो लगातर दर्शको को इस रेस्क्यू ऑपरेशन को दर्शकों तक पल पल की हालात दिखाया. आज हम उस रियल हीरो पन्ना लाल पंजियारा से रूबरू करा रहे है. जिसकी चर्चा आज झारखंड में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में हो रही है.
पन्नालाल ने हीरों की तरह ली एंट्री
देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू अभियान में जहां देश की वायु सेना ,आईटीबीपी एनडीआरएफ की सेना के द्वारा 10 अप्रैल से लेकर 12 अप्रैल तक रेस्क्यू अभियान चलाकर 45 लोगों की जान बचाई हालांकि घटना के दौरान 3 लोगों की जान चली गई. लेकिन सेना के इस अदम साहस से लोगों ने अपनी जिंदगी की जंग जीत ली. लेकिन इसके बीच जो एक हौसले और साहस दिखाकर अपने कर्तव्य का निर्वाह कर रहा था. जिसने पहले दिन खुद के रेस्क्यू ऑपरेशन कर कई लोगो को फसें ट्रॉली से सुरक्षित निकाला. वह एक मामूली व्यक्ति रोपवे में काम करने वाला मेंटेनेंस कर्मचारी पन्ना लाल पंजियारा था. जो इस बीच एक हीरो की तरह एंट्री कर महिला पुरुष और बच्चे को सैकड़ो फिट ऊंचे फंसे ट्रॉली से निकाला ही नहीं बल्कि 3 से 4 किलोमीटर पहाड़ से उतारकर उन्हें सुरक्षित किया.
वीरता के प्रतीक पन्नालाल जी को सलाम!
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) April 13, 2022
त्रिकूट हादसे में अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाने वाले साहसी पन्नालाल जी को उपायुक्त देवघर द्वारा 1 लाख रुपए की सम्मान राशि देने का सौभाग्य मिला।
पत्र लिखकर हम केंद्र सरकार से भी पन्नालाल जी को सम्मानित करने हेतु आग्रह करेंगे। pic.twitter.com/3GZ1Vxforu
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में पन्ना लाल का साथ उसके सहायक गोबिंद नाम के युवक ने खूब दिया. वह भी पन्नालाल के साथ पहाड़ के ऊपर फंसे लोगों को न सिर्फ पानी और खाने का समान पहुचां रहा था बल्कि पन्नालाल के साथ लोगो को उतार भी रहा था.
पन्नालाल ने किया गांव का नाम रोशन
दुमका देवघर मुख्य मार्ग के बसडीहा गाँव का रहने वाला पन्ना लाल पंजियारा दो बेटी और एक बेटे का पिता है. उसकी पत्नी पूरे परिवार का ख्याल रखती है. रोपवे कंपनी द्वारा मिलने वाले 17 हजार से उसकी महीने की जिंदगी चलती है. दोनों बेटियों के साथ-साथ पन्नालाल अपने एक बेटे को पढ़ाई की अच्छी व्यवस्था की है. जब इस घटना की खबर परिवार को हुई तो पूरा परिवार सोच में पड़ गया और भगवान से सभी को सुरक्षित रखने की लगातार दुआ मांगने लगा. वही गाँव के स्थानीय भी पन्नलाल के इस कार्य की खूब चर्चा कर रहे है. आज पन्नलाल के कारण उनके गांव का नाम सब लोग ले रहा है. स्थानीय लोगों की माने तो पन्नलाल ने जो काम किया है वह कभी भुलाया नही जायेगा.
Source : Zee news