मुजफ्फरपुर, 12 जुलाई 2025: जिले के रामपुर हरि थाने के थानाध्यक्ष सुजीत कुमार मिश्रा के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में लगातार दूसरी शिकायत दर्ज की गई है। इस बार विशुनदेव नारायण सिंह इंटर महाविद्यालय, नरमा, मुजफ्फरपुर में आदेशपाल के पद पर कार्यरत कुमारी शबनम ने थानाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) और बिहार मानवाधिकार आयोग (BHRC) में परिवाद दर्ज कराया है। शिकायत मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा के माध्यम से दायर की गई है, जिसमें थानाध्यक्ष पर मारपीट, अभद्र व्यवहार और गैरकानूनी हिरासत का आरोप लगाया गया है।
मामले का विवरण
कुमारी शबनम ने अपनी शिकायत में बताया कि थानाध्यक्ष सुजीत कुमार मिश्रा ने उन्हें कॉलेज से जबरन थाने ले जाकर एक कमरे में बंद कर दिया। वहां उनके साथ मारपीट की गई और चार घंटे तक अवैध रूप से हिरासत में रखा गया। यह मामला कॉलेज के लेखापाल विशाल कुमार से जुड़ा है, जिनके साथ बीते मंगलवार को 2,11,200 रुपये की लूट की घटना हुई थी। लूट की शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे विशाल के साथ थानाध्यक्ष ने कथित तौर पर बेरहमी से मारपीट की, उनका मोबाइल छीन लिया और उन्हें हिरासत में रखकर गाली-गलौज किया। रात में विशाल को अधमरी हालत में थाने के बाहर फेंक दिया गया, जिसके बाद परिजनों ने उन्हें मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में भर्ती कराया।
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मामला मीडिया में उजागर होने पर थानाध्यक्ष ने माफी मांगी, जिसका वीडियो समाचार चैनलों पर प्रसारित हुआ। हालांकि, माफी न मिलने पर उन्होंने विशाल पर गबन का मुकदमा दर्ज कर दिया। इसके बाद, जांच के नाम पर थानाध्यक्ष ने कुमारी शबनम के मायके में तोड़फोड़ की और उनके भाई अनुज कुमार को रातभर थाने की हाजत में रखा। इतना ही नहीं, शबनम को कॉलेज से जबरन थाने ले जाकर उनके साथ मारपीट और अभद्र व्यवहार किया गया।
मानवाधिकार आयोग में शिकायत
कुमारी शबनम ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा के माध्यम से थानाध्यक्ष के खिलाफ NHRC और BHRC में शिकायत दर्ज की है। अधिवक्ता झा ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, “थानाध्यक्ष का यह व्यवहार मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है। हम आयोग से इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं।”
थानाध्यक्ष पर लगातार विवाद
यह पहला मौका नहीं है जब रामपुर हरि थानाध्यक्ष के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई हो। इससे पहले भी उनके खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन का मामला आयोग में पहुंच चुका है। लगातार बढ़ते विवादों ने थानाध्यक्ष की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस मामले ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है, और लोग इसकी निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। आयोग की ओर से इस मामले में जल्द कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।