लखनऊ, उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आने के पहले पिछले कई सालों से अयोध्या में रामलीला का मंचन बंद पडा था। पिछली सरकारों ने रामलीला के मंचन को अनावष्यक खर्च बताते हुए बंद करा दिया था। लेकिन योगी सरकार आने के बाद से यहां हर साल भव्य दीपावली के अलावा रामलीला का आयोजन भी किया जा रहा है जिसमें विदेशी कलाकारों को बुलाया जाता है। पिछले तीन सालों में यहां रामलीला के लिए लाओस, कंबोडिया, श्रीलंका, ट्रिनिडाड, इंडोनेशिया से भी कलाकार व लोग आ चुके हैं। अब अयोध्या में रामलीला की गूंज धीरे- धीरे विश्व में सुनाई पडने लगी है। इस वर्ष अयोध्या में होने जा रही रामलीला अपने आप में अनूठी रामलीला होगी। इस रामलीला में बडे बडे फिल्म स्टार हिस्सा लेगें। यह रामलीला सोशल मीडिया, सैटेलाइट टेलीविजन और यूट्यूब के दर्शकों के लिए आयोजित की जाएगी. जिसका प्रसारण पूरे विश्व में किया जाएगा.

17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक होने वाली यह भव्य रामलीला अयोध्या में सरयू के तट के पास जहां राम मंदिर का निर्माण हो रहा है उससे दो किमी से भी कम दूरी पर लक्ष्मण किला मंदिर में आयोजित की जाएगी। इसमें बड़े-बड़े कलाकार भाग लेने वाले हैं। इस रामलीला में असरानी को असरानी निभाएगें जबकि भरत की भूमिका में रवि किशन तथा अंगद की भूमिका सांसद अभिनेता मनोज तिवारी निभाने जा रहे हैं। फिल्मों में हनुमान की भूमिका निभाने वाले स्व. दारा सिंह के पुत्र बिंदु दारा सिंह हनुमान की भूमिका निभाएगें। इसमें रजा मुराद अहिरावण और शाहबाज खान को रावण की भूमिकाए दी जाएगी।

मां सीता की भूमिका में प्रसिद्व टीवी कलाकार कविता जोशी का चयन किया गया हैं जबकि राम की भूमिका में अभिनेता सोनू नागर को चुना गया है। रितु शिवपुरी कैकेयी की और राकेश बेदी विभीषण की भूमिका निभाएंगे।

बीजेपी सांसद परवेश साहिब सिंह रामलीला के मुख्य सहायक हैं। इस आयोजन को 2016 में स्थापित मेरी मां फाउंडेशन, को मिली है. जो दिल्ली के कई प्रमुख रामलीलाओं से जुड़ा रहा है। मेरी मां फाउंडेशन के मुताबिक रामलीला की शूटिंग के दौरान कोविड -19 प्रतिबंधों के कारण किसी भी दर्शक को वहां आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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