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मुजफ्फरपुर, पाकिस्तान स्थित कटासराज महादेव का दर्शन पूजन कर लौटे चारों शिव भक्तों का अखंड भारत पुरोहित महासभा ने माता बगलामुखी मंदिर परिसर में पुष्प माला एवं मिथिला पाग पहनाकर सम्मानित किया गया. इस दौरान शिव भक्तो ने अपनी यात्रा के विषय में एवं कटासराज महादेव के संबंध में सभी लोगो के साथ जानकारी कों साझा किये.

कैलाशी राजेश कुमार ने बताया कि कटासराज महादेव मंदिर पाकिस्तान के चकवाल जिले से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इस मंदिर की कथा भगवान शिव द्वारा माता सती की याद में बहाए गए आंसू तथा महाभारत काल में पांडवों को मिले वनवास से जुड़ी है. भगवान शिव अत्यंत दुखी थे और माता सती के विरह में शिवजी की आंखों से लगातार आंसुओं की धारा बह रही थी. भगवान शिव माता सती की याद में इतना रोए की उनके आंसुओं से 2 कुंड निर्मित हो गए थे. जिसमें से एक कटास राज मंदिर में है और दूसरा राजस्थान के पुष्कर में कटास राज मंदिर में स्थित है.

इसे कटास कुंड के नाम से जाना जाता है या अमृत कुंड के नाम से भी जाना जाता है. महाभारत के अनुसार पांडवों ने अपने वनवास के समय में लगभग 4 वर्ष इसी कुंड के किनारे पर बिताए थे. वह वही कुंड है जिसके किनारे पर धर्मराज युधिष्ठिर और यक्ष के बीच संवाद हुआ था और उस संवाद के बाद युधिष्ठिर ने अपने भाइयों की जान बचाई थी. महाभारत के अनुसार वनवास के समय पांडवों ने इन गुफाओं में आश्रय लिया था. इस मंदिर परिसर में छोटे-बड़े कुल 12 मंदिर हैं. जिनमें 7 मंदिर महाभारत कालीन है जिन्हें सतघर मंदिर के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि पांडवों ने अपने रहने के लिए यहां पर जिन सात छोटे-छोटे घरों का निर्माण किया था. वही भवन आज सतघर मंदिर कहलाते हैं।

बता दे की कटासराज महादेव के दर्शन के लिए चार शिव भक्त पंचकैलाशी राजेश कुमार, कैलाशी अनिल कुमार चौधरी, कैलाशी राहुल कुमार और कैलाशी आनंद किशोर कुमार पाकिस्तान गए थे. मौके पर महासभा के अध्यक्ष पंडित हरिशंकर पाठक ने बताया कि इस तरह के धर्म क्षेत्र में काम करने वाले भक्तों का हमेशा महासभा के द्वारा सम्मान प्रदान किया जाएगा. साथ ही समाज के बीच इन लोगों का विचार भी आदान-प्रदान कराया जाएगा. महासभा के द्वारा प्रोत्साहन भी किया जाएगा लगातार आगे भी ऐसे भक्तों को सम्मान दिया जाएगा.

शिव भक्तो के सम्मान समारोह मे सचिव आचार्य संजय तिवारी, चाणक्य विद्यापति सोसाइटी के संगठन मंत्री पंडित अजयानंद झा, महासभा मीडिया प्रभारी पंडित प्रियरंजन मिश्र, महासभा संयोजक महंत रामबालक भारती, आचार्य अमित तिवारी, आचार्य वशिष्ट तिवारी, पंडित पवन तिवारी, पंडित रमेश मिश्रा, और पंडित पंकज कुमार मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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