रामपुरमणि गांव अग्निकांड: भाकपा-माले ने सरकार और प्रशासन पर उठाए सवाल, मृतक परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग

रामपुरमणि गांव अग्निकांड: भाकपा-माले ने सरकार और प्रशासन पर उठाए सवाल, मृतक परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग

भाकपा-माले की पॉलिट ब्यूरो सदस्य और ऐपवा राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने मुजफ्फरपुर के सकरा प्रखंड अंतर्गत रामपुरमणि गांव के दलित टोले में हुए भीषण अग्निकांड को सरकार और प्रशासन की लापरवाही का परिणाम बताया। इस दर्दनाक घटना में चार बच्चों सहित कई जानवरों की मौत हो गई और 70 परिवारों के घर जलकर राख हो गए। मीना तिवारी के नेतृत्व में नौ सदस्यीय माले टीम ने घटनास्थल का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उनकी व्यथा सुनी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशासन पर गंभीर आरोप
हरिसभा चौक स्थित पार्टी जिला कार्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए मीना तिवारी ने कहा, “रामपुरमणि गांव के दलित टोले में यह भयावह घटना सरकार और प्रशासन की घोर लापरवाही का नतीजा है। पीड़ितों ने बताया कि स्मार्ट मीटर तो जबरन गरीबों की झोपड़ियों में लगाए गए, लेकिन बिजली के नंगे तारों की वजह से शॉर्ट-सर्किट और चिंगारी ने यह त्रासदी पैदा की।” उन्होंने यह भी बताया कि पीड़ित परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान के लिए पर्याप्त सहायता नहीं मिली, जिसके अभाव में यह हादसा और विनाशकारी हो गया।

मुआवजे और राहत की मांग
मीना तिवारी ने सरकार से निम्नलिखित मांगें रखीं:
मृतक बच्चों के परिवारों के लिए तत्काल विशेष राहत पैकेज।

प्रत्येक प्रभावित परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा।

पर्याप्त भोजन, पीने का पानी, कपड़े और रहने की बेहतर व्यवस्था।

सभी प्रखंडों में दो-तीन अग्निशामक वाहनों की तैनाती।

नंगे बिजली तारों को कवर वाले तारों से बदलने और लटकते तारों को ठीक करने की व्यवस्था।

प्रशासन की उदासीनता पर सवाल
उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर कोई सरकारी मेडिकल कैंप नहीं लगाया गया है, केवल एक निजी चिकित्सक की मौजूदगी दिखी। प्रशासनिक अधिकारियों की अनुपस्थिति और पीड़ितों की बुनियादी जरूरतों (पानी, भोजन, आश्रय) के प्रति लापरवाही को उन्होंने गंभीर चिंता का विषय बताया।

माले जांच टीम
घटनास्थल का दौरा करने वाली माले की नौ सदस्यीय टीम में मीना तिवारी के साथ पार्टी के राज्य कमिटी सदस्य जितेंद्र यादव, सूरज कुमार सिंह, सकरा प्रखंड सचिव राजेश रंजन, किसान नेता प्रेमलाल यादव, जिला कमिटी सदस्य फहद जमां, आरवाईए जिला अध्यक्ष विवेक कुमार और आइसा के छात्र नेता दीपक कुमार शामिल थे।

आगे की कार्रवाई
भाकपा-माले ने इस घटना को लेकर सरकार और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया है।

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