मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में लोजपा एक सरप्राइज पैक की तरह काम कर रही है। एनडीए में सीटों के बंटबारे का जितना लंबा प्रकरण चला और इसके बाद जो निकल कर सामने आया, वह सरप्राइज ही कहा जा सकता। इतना ही नहीं, उसके बाद भी चिराग की पार्टी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में आस्था जताना और चुनाव के बाद लोजपा-भाजपा की सरकार की बात, हैरान करती है। यह क्रम यहीं नहीं थमा। अब एक के बाद भाजपा नेता लोजपा में शामिल होते जा रहे। ऐसे में मुजफ्फरपुर भला इससे अछूता कैसे रह सकता है। यूं तो अभी दोनों गठबंधन में शांति है लेकिन, जैसे ही दूसरे और तीसरे चरण के चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा का क्रम आरंभ होगा, यह शांति इसी रूप में रहेगी, इसकी उम्मीद कम ही है।

इसका प्रमाण यह भी है कि वैसी सीटें जहां भाजपा या जदयू के पहले से विधायक हैं, वहां के दूसरे दावेदार यहां अपनी दाल नहीं गलते देख, अब नई दिल्ली में लोजपा कार्यालय का चक्कर लगाने लगे हैं।

सूत्रों के हवाले से एक और रोचक जानकारी सामने आ रही है। पूर्व घोषणा में लोजपा की ओर से यह दावा किया गया था कि वह केवल उन्हीं सीटों पर अपना प्रत्याशी देगी जहां से जदयू के प्रत्याशी मैदान में होंगे। इसके बाद एक और बात सामने आई कि कम से कम 20 सीटों पर लोजपा भाजपा के साथ फ्रेंडली फाइट में होगी। इस तरह लोजपा के 143 सीटों पर लड़ने की बात सामने आई। लेकिन, जिस तरह से दूसरे गठबंधनों के बागी एक के बाद एक लोजपा में शामिल होते जा रहे, उसके बाद यह कहा जा रहा कि लोजपा कम से कम 190 सीटों पर अपना प्रत्याशी उतार सकती है। इस आधार पर देखा जाए तो जदयू की चार सीटों की तरह ही लोजपा के भी चार प्रत्याशी ही क्रमश: कांटी, सकरा, गायघाट और मीनापुर के लिए होने चाहिए। लेकिन, अब जाे खबर आ रही है कि लोजपा जिले की आठ सीटों पर अपना प्रत्याशी दे सकती है। इसमें कांटी, बोचहां, गायघाट, सकरा, मीनापुर,साहेबगंज, बरूराज व औराई शामिल हैं। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि प्रत्याशियों की सूची सामने आते ही यहां भी कई नेता उनके पाले में खड़े दिखाई देंगे।

इनपुट : जागरण

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