पटना, राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू यादव के बेटे और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार सरकार पर हमलावर रहते हैं। उनके बोलने के स्टाइल को राजद समर्थक काफी पसंद भी करते हैं, लेकिन बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में पीएम मोदी के सामने तेजस्वी लिखे हुए भाषण को भी पढ़ने में कई बार अटकते दिखे। तेजस्वी भाषण पढ़ने के दौरान कई फंबल करते रहे। जिससे वहां मौजूद लोगों की नजर तेजस्वी पर टिक गई। तेजस्वी यादव को पीएम मोदी और सीएम नीतीश के सामने चार मिनट के भाषण का वक्त मिला था, लेकिन वो भाषण पढ़ते वक्त करीब छह बार अटकते दिखे।
भाषण की शुरुआत में ही अटके तेजस्वी
मंगलवार को बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी पीएम मोदी, सीएम नीतीश के साथ मंच पर मौजूद थे। उन्हें भी चार मिनट के भाषण का अवसर दिया गया था, लेकिन तेजस्वी लिखे हुए भाषण को भी पढ़ने में कई बार अटकते दिखे। कई शब्दों में वे फंसते भी दिखे। तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग की। लेकिन उन्होंने आदमकद प्रतिमा को आमकद प्रतिमा कह दिया। भाषण के शुरुआत में भी तेजस्वी ने बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष की जगह बिहार विधान भवन कह डाला। हालांकि, बाद में तेजस्वी ने इसे ठीक किया। लेकिन भाषण के दौरान कई शब्दों में हो फंबल करते दिखे।
JDU-BJP ने कसा तंज
भाषण के दौरान तेजस्वी यादव के अटकने के बाद सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई। जेडीयू और बीजेपी ने इस पर तंज कसना शुरू कर दिया। जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने इशारों में ट्वीट किया कि इसलिए कहता हूं पढ़ना- लिखना बहुत जरूरी है। तो बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद सिंह कहा कि तेजस्वी लिखा हुआ भाषण भी नहीं पढ़े सके। ये बिहार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे साफ जाहिर होता है कि उन्हें पढ़ाई करने की जरूरत है।
इनपुट : जागरण
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