बिहार मे आज वर्षो पुराना याराना टूट गया. राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार और पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी रघुवंश प्रसाद सिंह ने बिहार चुनाव से ठीक पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया. 32 वर्षो तक साथ रहने के बाद आज दुखी मन से उन्होंने एक चिट्ठी लिखी. दिल्ली एक्सप्रेस से 10 सितंबर, 2020 को इस चिट्ठी में रघुवंश बाबू ने जो बातें लिखीं थीं, उसका मजमून इस प्रकार था : सेवा में, राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय, रिम्स अस्पताल, रांची. जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा. लेकिन, अब नहीं.’ इसके नीचे रघुवंश प्रसाद सिंह ने हस्ताक्षर करके 10.09.2020 की तारीख डाली है. इसके बाद बायीं ओर खाली जगह में वरिष्ठ राजद नेता ने लिखा है, ‘पार्टी नेता, कार्यकर्ता और आम जनों ने बड़ा स्नेह दिये. मुझे क्षमा करें.’ यहां एक बार फिर उन्होंने अपने हस्ताक्षर किये हैं.

इसके कुछ ही घंटे बाद लालू प्रसाद ने एक चिट्ठी लिखी. इस इमोशनल लेटर में लालू प्रसाद ने रघुवंश बाबू को याद दिलाया है कि कैसे चार दशक की राजनीति में उनका संबंध राजनीतिक और सामाजिक ही नहीं, बल्कि पारिवारिक भी रहा है. लालू प्रसाद ने गुरुवार को न्यायिक हिरासत से रघुवंश बाबू को सफेद कागज पर एक चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने लिखा है, ‘आपके द्वारा कथित तौर पर लिखी एक चिट्ठी मीडिया में चलायी जा रही है. मुझे तो विश्वास ही नहीं होता. अभी मेरे परिवार और मेरे साथ मिलकर सृजित राजद परिवार आपकी थी. स्वस्थ होकर अपने बीच देखना चाहता हूं. राजद सुप्रीमो ने पूरे अधिकार के साथ आगे लिखा है, ‘चार दशकों में हमने हर राजनीतिक, सामाजिक और यहां तक कि पारिवारिक मामलों में मिल-बैठकर ही विचार किया है. आप जल्द स्वस्थ हों. फिर बैठ के बात करेंगे. आप कहीं नहीं जा रहे हैं. समझ लीजिए. आपका लालू प्रसाद.

लालू प्रसाद यादव, रघुवंश बाबू द्वारा लिखित चिट्ठी को कथित चिट्ठी बता रहे हैं. लेकिन, लालू प्रसाद ने जो चिट्ठी लिखी है, वह आधिकारिक है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ओर से लिखी गयी चिट्ठी पर बाकायदा रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के अधीक्षक के हस्ताक्षर हैं. लालू प्रसाद चूंकि सजायाफ्ता हैं और न्यायिक हिरासत में इलाज करवा रहे हैं, वह जो भी पत्राचार करेंगे, बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अधीक्षक के संज्ञान में देने के बाद ही उसे कहीं भेजा जा सकेगा.

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