बिहार में इस बार ग्राम पचंयातों के चुनाव प्रमंडलवार होंगे। राज्य सरकार के इस प्रस्ताव पर राज्य निर्वाचन आयोग विचार कर रहा है। इस पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा। आयोग के साथ पंचायत चुनाव पर चल रहे मंथन के दौरान पंचायती राज विभाग ने परामर्श दिया है कि प्रमंडल स्तर पर चुनाव कराना कई मायनों में बेहतर होगा। राज्य में नौ प्रमंडल हैं। इस तरह आयोग अंतिम निर्णय ले लेता है तो नौ चरणों में चुनाव संपन्न कराये जाएंगे।
गौरतलब हो कि ग्राम पंचायतों के चुनाव अप्रैल-मई, 2021 में होने हैं। इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। आयोग बूथ स्तर पर मतदाता सूची तैयार करने में जुट गया है। इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात कर दिशा-निर्देश जारी कर चुके हैं।
प्रमंडलवार चुनाव कराने को लेकर पंचायती राज विभाग का मानना है कि इससे किसी भी जिले में अधिक दिनों तक आचार संहिता लागू नहीं रहेगा। इससे संबंधित जिले में विकास के कार्य प्रभावित नहीं होंगे। राज्य के हर जिले में कई-कई चरणों में चुनाव होने से काफी अधिक दिनों तक आदर्श आचर संहिता ग्रामीण क्षेत्रों में लागू रहता है। साथ ही जिला प्रशासन भी अधिक दिनों तक चुनाव संपन्न कराने के कार्यों में लगा रहता है। सुरक्षा की दृष्टि से भी प्रमंडलवार चुनाव कराने में सुविधा होगी।
इन पदों के लिए होंगे चुनाव
मुखिया
वार्ड सदस्य
पंच
सरपंच
पंचायत समिति सदस्य
जिला परिषद सदस्य
90 हजार बैलेट यूनिट की होगी खरीद
इस बार ग्राम पंचायत का चुनाव पहली बार ईवीएम से कराने की तैयारी चल रही है। राज्य निर्वाचन आयोग की सलाह पर सरकार ईवीएम खरीदने पर सैद्धांतिक निर्णय ले चुकी है। अब इस पर कैबिनेट की स्वीकृति लिये जाने की कार्रवाई चल रही है। ईवीएम से चुनाव कराने के लिए 15 हजार कंट्रोल यूनिट तथा 90 हजार बैलेट यूनिट की खरीद की जाएगी। चूकि ग्राम पंचायत और ग्राम कचहरी को लेकर छह पद होते हैं, इसलिए 90 हजार बैलेट यूनिट की खरीद की जा रही है।
हर बैलेट यूनिट में अलग अलग पद के लिए वोटिंग
हर बैलेट यूनिट में अलग-अलग पद के लिए लोग वोट करेंगे। एक कंट्रोल यूनिट मतदान कर्मी के पास रहेगा, जिससे सभी छह बैलेट यूनिट जुड़े रहेंगे। एक चरण का चुनाव संपन्न हो जाने के बाद वह ईवीएम दूसरे चरण के चुनाव के लिए भेज दिया जाएगा। इसके पहले उसमें से कार्ड निकाल लिया जाएगा, जिसमें वोट दर्ज रहते हैं। बैलेट यूनिट की खरीद में 90 करोड़ तथा कंट्रोल यूनिट में 17 करोड़ की जरूरत होगी। ईवीएम में इस्तेमाल होने वाले कार्ड की खरीद में 15 करोड़ खर्च होंगे।
एक नजर
09 प्रमंडल
38 जिले
534 प्रखंड
8386 पंचायतें
1.14 लाख वार्ड
इनपुट : हिंदुस्तान
Najlepsza aplikacja do kontroli rodzicielskiej, aby chronić swoje dzieci – potajemnie tajny monitor GPS, SMS-y, połączenia, WhatsApp, Facebook, lokalizacja. Możesz zdalnie monitorować aktywność telefonu komórkowego po pobraniu i zainstalowaniu apk na telefonie docelowym.
Szpiegowskie telefonu – Ukryta aplikacja śledząca, która rejestruje lokalizację, SMS-y, dźwięk rozmów, WhatsApp, Facebook, zdjęcie, kamerę, aktywność w Internecie. Najlepsze do kontroli rodzicielskiej i monitorowania pracowników. Szpiegowskie Telefonu za Darmo – Oprogramowanie Monitorujące Online.
isotretinoin price – dexamethasone 0,5 mg cheap buy zyvox 600 mg online cheap
amoxicillin price – buy valsartan 160mg without prescription buy combivent online cheap