मुजफ्फरपुर, निगम बोर्ड की बैठक को अवैध करार देने पर मेयर राकेश कुमार पिंटू और वार्ड पार्षद सीमा कुमारी के पति विजय झा आमने-सामने आ गए हैं। दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। शुक्रवार को मेयर राकेश कुमार पिंटू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बड़ा आरोप लगाया कि पार्षद पति विजय झा उनके खिलाफ हवा बना रहे हैं। पार्षद पति शहर में नल-जल योजना के ठेकेदार हैं और अपने बकाये के भुगतान के लिए मुझे 10 लाख की रिश्वत का ऑफर किया था, जिसे मैंने ठुकरा दिया था।

मेयर ने कहा कि निगम बोर्ड की बैठक में पार्षदों को आपस में लड़ाने का जो वाक्या हुआ, वह दुखद है। पार्षदों को उनके माध्यम से अपना सवाल उठाना चाहिए था, लेकिन पार्षद पति अपनी पत्नी के लेटरहेड का गलत इस्तेमाल कर उनके खिलाफ हवा बना रहे हैं। मेयर ने कहा कि पार्षद पति को मैंने पहले भी आर्थिक मदद की है और अब भी मदद के लिए तैयार हूं, लेकिन यह शहर की योजनाओं की गुणवत्ता की कीमत पर नहीं होगा। मेयर ने कहा कि स्मार्ट सिटी की योजनाओं में गड़बड़ी पकड़ में आने से अधिकारियों को मिर्ची लग गई है। वे मनमाने तरीके से घटिया व बेतरतीब निर्माण कर रहे हैं। मैं इसपर चुप बैठा नहीं रह सकता। मेयर ने कहा कि मैंने शहर के हित में आवाज उठाई है और इसके लिए सड़क तक आंदोलन करने के लिए तैयार हूं।

बोर्ड की बैठक को अवैध करार देना असंभव

मेयर ने कहा कि बोर्ड की बैठक में शहर के हित से जुड़े फैसले लिए गए हैं। पहला फैसला यूजर चार्ज को लेकर है। दूसरा फैसला स्मार्ट सिटी की योजनाओं की गुणवत्ता को लेकर है। इससे कुछ लोगों में बौखलाहट है और इस बैठक को ही अवैध करार देने की घोषणा कर रहे हैं। मेयर ने कहा कि यह कदापि संभव नहीं है और उनकी इस कोशिश व घोषणा का जवाब जल्दी ही उन्हें मिल जाएगा।

विजय झा ने कहा-शिकायत से बौखला गए मेयर

पार्षद पति विजय झा ने मेयर के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम के इतिहास में बोर्ड की बैठक में ऐसी शर्मनाक घटना नहीं हुई थी। इस संबंध में पार्षद ने नगर आयुक्त से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखा है। निगम बोर्ड की बैठक अवैध है, इसका हवाला भी दिया गया है। इससे मेयर बौखला गए हैं। सवालिया लहजे में पार्षद पति ने कहा कि यदि मैंने 10 लाख रिश्वत की पेशकश की थी तो उन्होंने ले क्यों नहीं लिया। वे किसके इशारे पर काम कर रहे हैं, यह शहर जानता है। बोर्ड की पिछली बैठक अवैध करार दिए जाने में कोई संशय नहीं है। वे शहर का विकास कर रहे नगर आयुक्त की राह में बाधा खड़ी कर रहे हैं।

नगर आयुक्त ने सार्वजनिक किए फरदो उड़ाही के दस्तावेज

निगम बोर्ड की बैठक में फरदो नाला उड़ाही की जांच का प्रस्ताव पारित होने के बाद अधिकारियों की हलचल तेज हो गई है। नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने उड़ाही से संबंधित सारे दस्तावेज निगम की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी है कि फरदो नाले की उड़ाही का प्रस्ताव पहले ही आया था। इस संबंध में कब और कैसे निर्णय हुआ। किस तरह काम शुरू किया गया और इसमें कितना खर्च आया, सब अब पब्लिक के सामने हैं। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत इसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। कोई भी उस दस्तावेज को डाउनलोड कर देख सकता है। यहां तक कि निर्धारित शुल्क जमा करने के बाद उसकी प्रिंट भी निगम से ले सकता है।

Input : live hindustan

2 thoughts on “मुजफ्फरपुर : मेयर और पार्षद पति आमने-सामने, मेयर ने पार्षद पति पर दस लाख रिश्वत के ऑफर का लगाया आरोप”
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