किसी जमाने में लालू के खास दरबारी रहे श्याम रजक ने 2009 में अचानक पाला बदल लिया था। सीएम नीतीश को पानी पी-पी कर कोसने वाले श्याम रजक एक झटके में ही लालू यादव का साथ छोड़ दिया था। वे जून 2009 में राजद के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा कर जेडीयू में शामिल हुए थे। जेडीयू में शामिल होने के बाद उनकी नीतीश कुमार से नजदीकी हो गई थी।फिर क्या था कभी लालू के दरबारी रहे श्याम रजक अब उन पर जमकर अटैक करने लगे। 2015 के विधानसभा चुनाव तक तो सबकुछ ठीक रहा ।उसके बाद श्याम रजक की जेडीयू में उल्टी गिनती शुरू हो गई.अब विधान सभा चुनाव से ठीक पहले वे नीतीश कुमार को बाय-बाय कहने वाले हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वे सोमवार को राजद में शामिल हो सकते हैं.

नेतृत्व को जैसे ही जानकारी लगी कि वे पार्टी छोड़ने वाले हैं इसके बाद उनपे कार्रवाई करते हुए श्याम रजक को मंत्री पद से वर्खास्त कर दिया है. वहीं पार्टी से भी 6 साल के लिए उन्हें निष्कासित कर दिया गया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की सहमति के बाद जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने यह आदेश जारी किया है।

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