विधानसभा चुनाव से पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया इस्तीफा

उत्तराखंड में चुनाव से पहले रही है मुख्यमंत्री बदलने की परंपरा

कांग्रेस के एनडी तिवारी को छोड़कर कोई भी मुख्यमंत्री ने पूरा नहीं किया अपना कार्यकाल

उत्तराखंड भाजपा में पिछले तीन दिनों से जारी सियासी उठापटक के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, जिसमें उन्होंने पार्टी और राज्य की जनता का आभार जताया. सीएम पद से इस्तीफा का दर्द भले ही उनके शब्दों में नहीं झलका, लेकिन उनके चेहरे के हावभाव में दर्द साफ दिखाई दे रहा था. यह पूछे जाने पर उनके इस्तीफे के पीछे क्या वजह रही, रावत ने कहा, यह पार्टी का सामूहिक निर्णय होता है. इसका अच्छा जवाब पाने के लिए आपको दिल्ली जाना पड़ेगा.

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बदलने की रही है परंपरा

उत्तराखंड में यह पहली घटना नहीं है, जब विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री को बदल दिया गया. इससे पहले भी राज्य में कई बार ऐसा हुआ है जब विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बदल दिया गया. खास कर भाजपा की ओर से ऐसा हमेशा किया गया है. 2000 में जब उत्तराखंड नये राज्य का गठन हुआ, उसके बाद कांग्रेस के एनडी तिवारी को छोड़कर कोई भी मुख्यमंत्री नहीं हुए जिसने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया. राज्य में तिवारी को अगर छोड़ दिया जाए तो कांग्रेस और भाजपा हमेशा बीच में मुख्यमंत्री बदलते रही है.

मुख्यमंत्री बदलने के मामले में भाजपा सबसे आगे है. राज्य में जब-जब भाजपा की सरकार बनी, चुनाव से पहले मुख्यमंत्री जरूर बदला गया. 2000 में जब उत्तराखंड अलग राज्य बना तब भाजपा के नित्यानंद स्वामी मुख्यमंत्री बने, लेकिन वह एक साल भी पद पर नहीं रहे और उनकी जगह भगत सिंह कोश्यारी को मुख्यमंत्री बनाया गया.

2007 में भाजपा फिर सत्ता में आयी. भुवनचंद्र खंडुरी को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन 2009 में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. उनकी जगह रमेश पोखरियाल निशंक को मुख्यमंत्री बनाया गया. पोखरियाल को भी दो साल के अंदर इस्तीफा देना पड़ा और चुनाव से पहले उनकी जगह बीसी खंडूरी को मुख्यमंत्री बनाया गया. 2017 में जब भाजपा फिर से सत्ता में आयी, तो त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन अब चुनाव से पहले उन्हें भी इस्तीफा देना पड़ा. हालांकि रावत का कार्यकाल सबसे लंबा रहा. रावत करीब 4 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे.

इस्तीफा देने के बाद क्या बोले रावत ?

राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, पार्टी ने सामूहिक रूप से यह निर्णय किया है कि मुझे अब किसी और को यह मौका देना चाहिए. उन्होंने कहा, मैं अभी-अभी माननीय राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंप कर आ गया हूं. रावत ने कहा कि उनके चार वर्ष का कार्यकाल पूरा होने में केवल नौ दिन कम रह गए हैं और उन्हें इतना ही मौका मिला. रावत ने अपने उत्तराधिकारी को शुभकामनांए भी दीं और कहा, अब जिनको भी दायित्व दिया जाएगा, वह उसका निर्वहन करेंगे. मेरी उनके लिए बहुत शुभकामनांए हैं.

रावत के इस्तीफे के बाद राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ?

रावत के इस्तीफे के बाद राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ? इसको लेकर चर्चाओं का दौर जारी है. इस बीच बुधवार सुबह 10 बजे विधानमंडल दल की बैठक बुलाई गई है जिसमें सभी विधायकों की मौजूदगी में नये नेता का चयन किया जाएगा. बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहेंगे.

इधर मुख्यमंत्री की रेस में चार नाम सबसे आगे चल रहे हैं. जो चार नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे चल रहे हैं, उसमें राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, नैनीताल से लोकसभा सांसद अजय भट्ट, मंत्री सतपाल महाराज और मंत्री धन सिंह रावत शामिल हैं.

इनपुट : प्रभात खबर

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