पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण तमाम दलों ने अपनी ताकतें झोंक दी है दरअसल चुनावी समर में उत्तर बिहार का खास महत्व है क्योंकि यहीं से तय होगी सियासी दिग्गजों की ताकत और चुनाव में महारथियों के जनाधार की जमीनी हकीकत का होगा खुलासा. इस चरण में मैदान में होंगें महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव, जो राघोपुर से खुद चुनाव लड़ रहे हैं और मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, वैशाली और समस्तीपुर में सीटों की बढ़त के लिए स्वयं चुनाव अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं. इन जिलों का चुनाव परिणाम तेजस्वी यादव के कैरियर के साथ-साथ बिहार में महागठबंधन का भविष्य भी तय करेगा, तेजस्वी के बड़े भाई पूर्व स्वास्थ मंत्री तेजप्रताप यादव हसनपुर से चुनाव लड़ रहे हैं.

वहीं दूसरी ओर बीजेपी अध्यक्ष संजय जयसवाल के लिए चंपारण तिरहुत और मिथिलांचल की सीट खाश मायने रखती है क्योंकि इन सीटों की जीत उनके पार्टी में मान का पैमान तय करेगी. वहीं कांग्रेस की बात करें तो बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद के लिए इन क्षेत्रों से पार्टी की जीत पार्टी में इनका कद तय करेगी.

राघोपुर पर टिकी सबकी नजर


इस बार चुनाव में सबकी नजर टिकी है राघोपुर विधान सभा सीट पर. पूर्व उपमुख्यमंत्री और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव के साथ राघोपुर भी सबके आकर्षण का केन्द्र बन गया है जहां तेजस्वी का मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी और पिछले चुनाव में उनके प्रतिद्वंदी रह चुके सतीश कुमार से है यह वही सतीश कुमार है जिन्होंने 2010 के चुनाव में राघोपुर सीट पर तेजस्वी यादव के मां पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को शिकस्त दी थी. मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि वह अपने गढ़ बचाने के साथ-साथ सीटों की संख्या बढ़ा पाते हैं या नहीं.उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव भी इस बार स्थान परिवर्तन में भाग्य आजमा रहे हैं, पिछली बार तेज प्रताप महुआ सीट से जीते थे इस बार क्षेत्र बदलकर हसनपुर से चुनाव लड़ रहे हैं.

चिराग की पहली लड़ाई, सीटों की बढ़त के लिए कड़ी मशक्कत

पिता दिवंगत राम विलास पासवान के निधन के बाद एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान की पहली परीक्षा या यों कहें तो पहली लड़ाई है. हाजीपुर, समस्तीपुरऔर वैशाली लोकसभा क्षेत्रों पर एलजेपी के सांसदों का कब्जा है हाजीपुर से पहले चिराग के पिता रामविलास पासवान जीतते थे और उनके चाचा पशुपति पारस सांसद है, समस्तीपुर में चाचा रामचंद्र पासवान के बाद चचेरे भाई प्रिंस राज सांसद है वहीं एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ रहे चिराग पासवान को उत्तर बिहार में अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए और नीतीश सरकार से लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए इस बार विधानसभा चुनाव में सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए लंबी जद्दोजहद करनी पड़ेगी.

विधानसभा अध्यक्ष सहित मंत्री चुनावी मैदान में

इस चुनाव में बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी की प्रतिष्ठा सराय गंज से दांव पर लगी है. वहीं पूर्व मंत्री रमई राम बोचहां से दसवीं बार जीत के लिए राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं वह 11 बार लड़कर 9 बार जीत चुके हैं, राज्य सरकार के मंत्री प्रमोद कुमार मोतिहारी से, मोहम्मद खुर्शीद फिरोज अहमद सिकटा से, सुरेश शर्मा मुजफ्फरपुर से, महेश्वर हजारी कल्याणपुर से, राणा रणधीर सिंह मधुबन से और मदन सहनी बहादुरपुर से चुनाव लड़ रहे हैं. आरजेडी के पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी केवटी से और आलोक मेहता उजियारपुर से चुनावी मैदान में हैं वहीं पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के भतीजे राकेश कुमार पप्पू लालगंज से पूर्व सांसद लवली आनंद सहरसा से और उनके पुत्र चेतन आनंद शिवहर से चुनावी अखाड़े में हैं.

मिथिला में कई महारथियों ने बदला मैदान


मिथिला के कई महारथियों ने अपना ना सिर्फ ठिकाना बदला है बल्कि सिंबल भी बदल कर चुनावी रणभूमि में उतर गए हैं. महागठबंधन के सीएम पद के दावेदार तेजस्वी यादव के बड़े भाई और पूर्व स्वास्थ मंत्री तेजप्रताप यादव के इस बार हसनपुर से चुनाव लड़ने के कारण मिथिलांचल और इसके आसपास का सियासी तापमान बदला बदला सा है. वहीं सात बार विधायक और एक बार एमएलसी रह चुके पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी इस बार परंपरागत सीट अलीनगर छोड़कर केवटी से चुनाव लड़ रहे हैं और दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री अली असरफ फातमी के पुत्र विधायक फराज फातमी जेडीयू के टिकट पर मैदान में है. अमरनाथ गामी पिछली बार जेडीयू की टिकट पर हायाघाट से लड़े थे इस बार जेडीयू छोड़ आरजेडी की टिकट पर दरभंगा से बीजेपी विधायक संजय सरावगी को टक्कर देंगे. पिछली बार केवटी से जीते फराज ने इस बार क्षेत्र बदलकर दरभंगा ग्रामीण से चुनाव लड़ रहे हैं जहां इनका मुकाबला राजद के ललित कुमार यादव से हैं वहीं पूर्व केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री बालेश्वर राम के पुत्र कांग्रेस विधायक अशोक कुमार क्षेत्र बदलकर कुशेश्वरस्थान से चुनाव लड़ रहे हैं.


मधुबनी के रणभूमि में इस बार कई सियासी घराने

इस बिहार विधान सभा चुनाव में मधुबनी के अलग-अलग मैदानों से सियासी घराने चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं, मधुबनी से राज्य सरकार के तीन मंत्री चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे हैं इनमें आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय लौकहां से चुनाव लड़ रहे हैं तो राज्य सरकार के मंत्री विनोद नारायण झा बेनीपट्टी सीट से चुनावी मैदान में हैं और कांग्रेस के वरष्ठ नेता युगेश्वर झा की बेटी विधायक भावना झा को टक्कर दे रहे हैं, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र के पुत्र पूर्व मंत्री नीतीश मिश्र झंझारपुर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं .

Input : ABP न्यूज़

7 thoughts on “बिहार चुनाव : दूसरे चरण मे एनडीए और महागठबंधन के महारथियों के ताकत की अग्नि परीक्षा, उत्तर बिहार तय करेगा कौन होगा विजेता”
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