उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के बीच सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राज्य के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के बीच ट्वीट वॉर जारी है. मंगलवार को अखिलेश के 300 यूनिट बिजली फ्री देने की घोषणा पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तंज कसते हुए ट्वीट किया, ”बाप मार डारिस अंधियारे में, बटवा बना बा पावर हाउस.

दरअसल, सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार को चुनाव से पहले बड़ा चुनावी दांव खेला है. सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने ऐलान किया कि उनकी सरकार बनी तो लोगों को 300 यूनिट फ्री बिजली मिलेगी. जो 300 यूनिट मुफ्त बिजली चाहते हैं उनके नाम रजिस्टर करने के लिए सपा अभियान चलाएगी.

अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, जिन लोगों के कनेक्शन हैं, या जिन्हें कनेक्शन लेने हैं. वे समाजवादी पार्टी द्वारा शुरू हो रहे अभियान का हिस्सा बनें. अपना फॉर्म भरें. इस फॉर्म में वे वही नाम लिखें, जिन नामें से बिजली के बिल आते हैं. यह अभियान 300 यूनिट फ्री बिजली के लिए है.

वहीं, सोमवार को योगी आदित्यनाथ के ट्विटर हैंडल से किए ट्वीट पर समाजवादी पार्टी ने भी उसी अंदाज में जवाब दिया. दरअसल, यूपी चुनाव में चल रहे जातिवाद के मुद्दे पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कविता ट्वीट करते हुए लिखा, ”पाते हैं सम्मान तपोबल से भूतल पर शूर, ‘जाति-जाति’ का शोर मचाते केवल कायर क्रूर.”

इस ट्वीट पर समाजवादी पार्टी ने जवाब देते हुए लिखा, ”ऊपर सिर पर कनक-छत्र, भीतर काले-के-काले, शरमाते हैं नहीं जगत् में जाति पूछने वाले. – राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर”’

इसके बाद बीजेपी की उत्तर प्रदेश इकाई ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता से ही सपा के ट्वीट पर जवाब दिया, ”तेजस्वी सम्मान खोजते नहीं गोत्र बतला के, पाते हैं जग में प्रशस्ति अपना करतब दिखला के. हीन मूल की ओर देख जग गलत कहे या ठीक, वीर खींच कर ही रहते हैं इतिहासों में लीक.

यह ‘ट्विटर वॉर’ सिर्फ यहीं नहीं थमा. समाजवादी पार्टी ने बीजेपी उत्तर प्रदेश को जवाब देते हुए लिखा, ”जाति-जाति रटते, जिनकी पूंजी केवल पाखंड, मैं क्या जानूं जाति? जाति हैं ये मेरे भुजदंड! जनता की रोके राह, समय में ताव कहां? वह जिधर चाहती, काल उधर ही मुड़ता है. हुंकारों से महलों की नींव उखड़ जाती. सिंहासन खाली करो कि जनता आती है. – राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी”

इस पर यूपी बीजेपी ने लिखा, ”न जाने कितने आए. सपा के साथ जुड़े. जुड़कर खप गए. लेकिन… मजाल है कि ‘पिता-पुत्र’ के अलावा कोई दूसरा किसी भी वर्ग, समाज, क्षेत्र का सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बन पाया हो! सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का सिंहासन दूसरों के लिए कभी खाली नहीं करेंगे क्या अखिलेश बबुआ? कभी नहीं करेंगे?”

इनपुट : आज तक

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