मुंबई, बुधवार की सुबह मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को उनके घर से हिरासत मे ले लिया है. उनपे 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज था. जिसपे कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आज सुबह उनके घर से उन्हें गिरफ्तार कर लिया. अर्नब गोस्वामी ने बदले की कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए कहा है की उनके साथ मारपीट भी की गई है. अर्नब गोस्वामी के घर के बाहर पुलिस की भारी मौजूदगी देखी गई है.
आपको बता दे की 2018 मे अर्नब गोस्वामी के खिलाफ इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या करने के उकसाने के आरोपों के तहत केस दर्ज किया गया था। न्यूज चैनल द्वारा कथित रूप से बकाया भुगतान न करने पर आत्महत्या की थी. पुलिस ने इंटीरियर डिजाइनर की पत्नी की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया। गोस्वामी और दो अन्य को भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत आरोपों का सामना करना पड़ रहा है. मृतक अन्वय नाइक ने मुंबई के करीब रायगढ़ जिले में अपने घर पर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस के अनुसार, नाइक ने तीन लोगों के नाम वाले एक सुसाइड नोट को छोड़ दिया था। जिसमें गोस्वामी, IcastX के फिरोज शेख और Smartworks के नितेश सारदा के नाम हैं। नाइक की पत्नी, 48 वर्षीय अक्षता नाइक ने पुलिस को बताया था कि उनके पति रिपब्लिक टीवी द्वारा भुगतान नहीं किए जाने के बाद वित्तीय तनाव में थे। नाइक को 2016 में चैनल के लिए इंटीरियर डिजाइनिंग का काम करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था. सुसाइड नोट के अनुसार, रिपब्लिक टीवी पर नाइक का 83 लाख रुपए का बकाया था, जबकि IcastX पर मृतक का बकाया 400 लाख रुपए और Smartworks के नितेश सारदा का 55 लाख रुपए का बकाया था। मृतक की पत्नी ने यह भी आरोप लगाया है कि उसने पहले गोस्वामी के अकाउंटेंट के कार्यालय को फोन किया था। जिसमें उनसे उक्त राशि की अदायगी के लिए कहा था.

रिपब्लिक टीवी ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए एक बयान जारी किया था और इसे चैनल के खिलाफ “निहित स्वार्थ समूहों” द्वारा चलाया जा रहा “गलत और दुर्भावनापूर्ण अभियान” कहा था। चैनल ने स्वीकार किया कि उसने नाइक को अपने कार्यालय के लिए काम करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया था, उसने इस बात से इनकार किया कि उसके ऊपर पैसे का बकाया है। उन्होंने आगे दावा किया कि रिपब्लिक टीवी के पास चेक का डिटेल है जो यह साबित करता है कि भुगतान पहले ही किया जा चुका है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हम महाराष्ट्र में प्रेस की आजादी पर हमले की निंदा करते हैं। यह प्रेस के साथ व्यवहार का सही तरीका नहीं है। यह हमें उन आपातकाल के दिनों की याद दिलाता है जब प्रेस के साथ ऐसा किया जाता था।