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राज्यसभा का टिकट कटने के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए जदयू नेता और केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह ने खुलकर बात की। उनका टिकट काटकर झारखंड जदयू प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो को दिए जाने के निर्णय पर आरपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार जताया।

मीडिया से वार्ता के दौरान आरसीपी सिंह ने जहां नीतीश कुमार की तारीफ की वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की खिंचाई भी की। इसके साथ ही आरसीपी ने भारतीय जनता पार्टी को गठबंधन का मजबूत सहयोगी बताते हुए कहा कि 303 एमपी होने के बावजूद बीजेपी ने उन्हें मंत्री बनने का मौका दिया, यह बीजेपी का बड़प्पन है।

मंत्री बने रहने के सवाल पर आरसीपी सिंह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है.। नीतीश कुमार की इच्छा से केंद्र सरकार में मंत्री बने हैं। पार्टी और प्रधानमंत्री का जो आदेश होगा उसका तत्काल पालन करेंगे।

अपने बयान में आरसीपी सिंह ने कहा कि अब वह संगठन के लिए काम करेंगे। वर्ष 2010 से वे लगातार संगठन को मजबूत करने में लगे थे। बीच के कुछ दिनों में उन्हें मंत्री बनाया गया। एक बार फिर उनके पास संगठन को ताकतवर बनाने का मौका है। आरसीपी ने दावा किया कि उन्होंने जदयू को बूथ स्तर तक पहुंचाया और राज्य के सामाजिक ताना-बाना को देखते हुए पार्टी के 33 प्रकोष्ठ बनाए। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष पर उन्होंने इस बात के लिए नाराजगी जताई कि 33 प्रकोष्ठ को 12-13 पर लाकर सीमित कर दिया गया। उन्होंने कहा की 33 से 53 करना चाहिए था न कि उन्हें कम करके 12-13 पर लाना था।

आरसीपी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनका 25 वर्षों का संबंध है। नीतीश कुमार के सहयोग से वे 12 सालों तक राज्यसभा के सदस्य रहे, राष्ट्रीय अध्यक्ष बने और केंद्रीय मंत्री बने। इसलिए टिकट नहीं मिलने से नीतीश कुमार के प्रति कोई नाराजगी नहीं है।

एक सवाल के जवाब में आरसीपीसी ने कहा कि ललन सिंह से उनका कोई मतभेद नहीं है। ललन सिंह लोकसभा के सदस्य हैं और वे खुद राज्यसभा के। इसलिए दोनों के बीच कोई झगड़ा नहीं है। खीरू महतो के नामांकन में जाने के सवाल पर कहा कि अगर बुलाया जाएगा तो अवश्य जाएंगे।

इस बीच, केंद्र सरकार में जदयू के प्रोपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन के दावे को आरसीपी ने खारिज कर दिया। इस मसले पर वे भाजपा के पाले में खड़े दिखे। उन्होंने कहा कि 2014 के चुनाव में बीजेपी को 181 सीटें मिली जो 2019 के चुनाव में बढ़कर 303 हो गईं। ऐसे में बीजेपी ने जदयू को मंत्रिमंडल में स्थान दिया, यह उनका का बड़प्पन है।

उन्होंने कहा कि नीतीश जी मेरे बारे में अच्छा सोचते हैं। राज्यसभा चुनाव को लेकर उनका निर्णय भी अच्छा ही होगा। जब उनसे पूछा गया कि टिकट क्यों कटा तो अरसीपी ने कहा कि यह सवाल नीतीश जी से पूछिए।

थोड़े भावुक अंदाज में आरसीपी सिंह ने बताया कि समाचार माध्यमों से पल-पल की जानकारी मिलने पर पार्टी के कार्यकर्ता लगातार उन्हें फोन करके टिकट मिलने के बारे में पूछ रहे थे और अपनी राय भी व्यक्त कर रहे थे। यह पार्टी के अंदर उनकी लोकप्रियता का पैमाना है और यही उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है कि आरसीपी कार्यकर्ताओं के दिल में बसते हैं।

Input : live hindustan

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