लोकसभा ने बुधवार को ऑनलाइन खेल संवर्धन एवं विनियमन विधेयक-2025 को ध्वनिमत से पारित कर दिया, जिसका उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में सट्टेबाजी और जुए को रोकना है। यह विधेयक समाज को ऑनलाइन मनी गेमिंग की लत से बचाने और वित्तीय नुकसान को रोकने के लिए लाया गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे पेश करते हुए कहा कि यह कदम मध्यम वर्गीय परिवारों के हित में है, जो ऑनलाइन मनी गेम्स के कारण बर्बादी और आत्महत्याओं जैसे गंभीर परिणाम झेल रहे हैं।
क्या है विधेयक में खास?
• सख्त सजा और जुर्माना: ऑनलाइन मनी गेम्स संचालित करने वाली कंपनियों और उनके अधिकारियों को 3 साल की सजा और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। बार-बार अपराध पर 5 साल तक की कैद और 2 करोड़ तक का जुर्माना।
• विज्ञापनों पर रोक: मनी गेम्स के प्रचार और विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध, जिसमें उल्लंघन पर 2 साल की सजा और 50 लाख तक का जुर्माना।
• बैंकों पर भी शिकंजा: मनी गेम्स से जुड़े वित्तीय लेन-देन की सुविधा देने वाले बैंकों और संस्थानों पर भी 3 साल की सजा और 1 करोड़ तक का जुर्माना।
• खिलाड़ियों को राहत: गेम खेलने वाले व्यक्तियों को पीड़ित माना गया है, उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।
• विदेशी प्लेटफॉर्म्स पर भी रोक: विदेशों से संचालित मनी गेम्स पर भी प्रतिबंध लागू होगा।
• आईटी एक्ट का उपयोग: अवैध गेमिंग प्लेटफॉर्म्स की पहुंच को आईटी अधिनियम-2000 के तहत अवरुद्ध किया जाएगा।
फैंटेसी गेम्स को राहत, लेकिन सतर्कता जरूरी
विधेयक में फैंटेसी स्पोर्ट्स, जैसे क्रिकेट आधारित ऐप्स (ड्रीम11, माई11 सर्कल आदि), को सब्सक्रिप्शन मॉडल पर चलाने की छूट दी गई है, बशर्ते वे वास्तविक मनी गेमिंग की श्रेणी में न आएं। विशेषज्ञों का मानना है कि ये ऐप्स कौशल-आधारित गेमिंग के तौर पर चल सकते हैं, लेकिन इन्हें नियामक संस्था की निगरानी में रहना होगा।नियामक संस्था का गठन
केंद्र सरकार एक ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण स्थापित करेगी, जो ई-स्पोर्ट्स, एजुकेशनल, सोशल और कैजुअल गेमिंग को विनियमित करेगी। यह प्राधिकरण गेम्स का वर्गीकरण, पंजीकरण और शिकायतों का निपटारा करेगी।
क्यों जरूरी था यह विधेयक?
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ऑनलाइन मनी गेम्स के कारण कई लोग अपनी जिंदगी भर की कमाई गंवा चुके हैं। एक रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने कहा कि 31 महीनों में 32 आत्महत्याएं इसकी वजह से हुई हैं। “अस्पष्ट एल्गोरिदम और धोखाधड़ी से हार निश्चित होती है, जिससे परिवार बर्बाद हो रहे हैं।”
क्रिकेट और प्रायोजन पर असर
भारत में क्रिकेट के साथ फैंटेसी गेमिंग का बाजार तेजी से बढ़ा है, जहां ड्रीम11 जैसे प्लेटफॉर्म्स भारतीय टीम और आईपीएल के प्रायोजक हैं। विधेयक इनके मनी गेमिंग मॉडल पर सवाल उठा सकता है, लेकिन कौशल-आधारित फैंटेसी गेम्स को स्पष्ट नियमों के तहत संचालित करने की अनुमति होगी।
प्रधानमंत्री का विजन
वैष्णव ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा मध्यम वर्ग के कल्याण को प्राथमिकता दी है। यह विधेयक समाज को ऑनलाइन गेमिंग की बुराइयों से बचाने का एक कदम है।”यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो समाज को वित्तीय और मानसिक नुकसान से बचाने में मदद करेगा।