बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रही है। इस योजना का मुख्य फोकस ग्रामीण और शहरी महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है, ताकि वे अपने परिवार की आय बढ़ा सकें और राज्य से पलायन की समस्या कम हो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 29 अगस्त 2025 को घोषित इस योजना के तहत हर परिवार की एक महिला को अपना पसंदीदा व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। सात सितंबर से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो रही है, और 15 सितंबर से पहली किस्त के रूप में 10,000 रुपये सीधे बैंक खातों में हस्तांतरित होने लगेंगे।
यह योजना न केवल वित्तीय सहायता पर केंद्रित है, बल्कि महिलाओं को उद्यमिता, व्यवसाय प्रबंधन और तकनीकी कौशल की ट्रेनिंग भी प्रदान करेगी। ग्रामीण विकास विभाग के अनुसार, योजना का उद्देश्य बिहार की 1.40 करोड़ से अधिक जीविका सदस्य महिलाओं को मजबूत बनाना है। प्रगति संतोषजनक पाए जाने पर छह माह बाद अतिरिक्त 2 लाख रुपये की सहायता मिलेगी। इसके अलावा, महिलाओं के उत्पादों की बिक्री के लिए हाट-बाजार विकसित किए जाएंगे, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देंगे।
योजना का उद्देश्य: आत्मनिर्भर महिलाओं का निर्माण
बिहार सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि प्रत्येक परिवार की एक महिला आर्थिक रूप से स्वावलंबी बने। इस योजना से न केवल व्यक्तिगत स्तर पर सशक्तिकरण होगा, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर भी सकारात्मक बदलाव आएगा। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा, “यह योजना महिलाओं को मजबूरी के बजाय अपनी पसंद का रोजगार चुनने का अवसर देगी, जिससे पूरे समाज की प्रगति सुनिश्चित होगी।” योजना के तहत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पारदर्शी डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) से राशि वितरण होगा, जिसमें 12,000 सामुदायिक कार्यकर्ताओं को टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे।
पात्रता: जीविका से जुड़ना अनिवार्य, लेकिन आसान प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं का जीविका स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ा होना जरूरी है। मुजफ्फरपुर की जिला कार्यक्रम प्रबंधक (DPM) अनीशा के अनुसार, पात्रता के मानदंड सरल हैं:
• उम्र: 18 से 60 वर्ष के बीच।
• आय स्तर: गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवारों को प्राथमिकता, जहां वार्षिक आय सीमित हो।
• दस्तावेज: आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, निवास प्रमाण पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो।
• अन्य: विवाहित महिलाएं या ऐसी अविवाहित महिलाएं जिनके माता-पिता न हों।
यदि आप अभी जीविका से जुड़ी नहीं हैं, तो चिंता न करें। ग्राम संगठन या संकुल स्तर पर आवेदन करें। समूह में शामिल होने के बाद नियमित बचत अनिवार्य है, जो कम ब्याज पर ऋण, प्रशिक्षण और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करेगी। जीविका से जुड़कर महिलाएं आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक रूप से मजबूत होती हैं। महत्वपूर्ण: योजना के लिए कोई राशि न दें! फॉर्म भरने के बाद समूह स्तर पर सत्यापन होता है, और फर्जी आवेदन पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
आवेदन प्रक्रिया: ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों विकल्प
• ग्रामीण क्षेत्र: ऑफलाइन। जीविका समूह या ग्राम संगठन से फॉर्म लें, भरें और प्रखंड कार्यालय भेजें। विशेष बैठकें आयोजित की जा रही हैं।
• शहरी क्षेत्र: ऑनलाइन। ग्रामीण विकास विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या विशेष पोर्टल पर आधार से रजिस्ट्रेशन करें। स्टेप्स: वेबसाइट पर जाएं, फॉर्म भरें, दस्तावेज अपलोड करें और सबमिट करें।
• शुरुआत: 7 सितंबर से। मुख्यमंत्री स्वयं निर्देशिका जारी करेंगे, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी उपस्थित रहेंगे।
• भुगतान: 15 सितंबर से शुरू। सफल व्यवसाय पर 6 माह बाद 2 लाख रुपये।
महत्वपूर्ण तथ्य: एक नजर में

यह योजना बिहार की महिलाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है। जल्द से जल्द जीविका से जुड़ें और स्वरोजगार की राह पर कदम बढ़ाएं। अधिक जानकारी के लिए ग्रामीण विकास विभाग की वेबसाइट या टोल-फ्री नंबर 1800-345-6214 पर संपर्क करें। बिहार सरकार का यह प्रयास निश्चित रूप से राज्य की प्रगति को नई गति देगा।