बिहार में महिला सशक्तिकरण की नई उड़ान: जीविका निधि साख सहकारी संघ का शुभारंभ।

बिहार में महिला सशक्तिकरण की नई उड़ान: जीविका निधि साख सहकारी संघ का शुभारंभ।

मुजफ्फरपुर, 2 सितंबर 2025 : बिहार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ा है। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड, पटना का शुभारंभ किया। इस ऐतिहासिक अवसर का सीधा प्रसारण पूरे राज्य में हुआ, जिसमें मुजफ्फरपुर जिला विशेष रूप से चर्चा में रहा। जिले के 83 कार्यक्रमों में 1,28,363 जीविका दीदियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लेकर इस पल को अविस्मरणीय बना दिया। 

मुख्य आयोजन: बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय में उत्साह का माहौल

जिला स्तरीय मुख्य समारोह बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के प्रेक्षागृह में आयोजित हुआ। इस अवसर पर सांसद वीणा देवी, विधायक रामसूरत राय, जिला पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, उप विकास आयुक्त श्रेष्ठ अनुपम, अनुमंडल पदाधिकारी (पूर्वी)  तुषार कुमार, अपर समाहर्ता संजय कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और हजारों जीविका दीदियां उपस्थित रहीं। कार्यक्रम स्थल पर महिलाओं का जोश और उत्साह देखते ही बनता था। जीविका समूहों से जुड़ी ये दीदियां आर्थिक आत्मनिर्भरता और सामाजिक सशक्तिकरण की नई मिसाल बनने को तैयार हैं। 

सरकार का संकल्प: महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना

बिहार सरकार ने महिलाओं के सर्वांगीण विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। जीविका निधि साख सहकारी संघ का शुभारंभ इसी दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इस पहल से जीविका दीदियों को आर्थिक सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया अब और भी सरल, पारदर्शी और त्वरित होगी। 

इसके साथ ही, राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत प्रत्येक परिवार की एक महिला को अपने पसंदीदा रोजगार के लिए 10,000 रुपये की प्रारंभिक सहायता प्रदान की जाएगी। रोजगार शुरू होने के छह महीने बाद आकलन के आधार पर 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी। इस योजना से महिलाएं न केवल उद्यमिता के नए आयाम स्थापित करेंगी, बल्कि ग्रामीण और शहरी बाजारों में अपने उत्पादों की बिक्री के लिए हाट-बाजारों का विकास भी होगा। 

आत्मनिर्भर बिहार की ओर बढ़ता कदम

यह पहल बिहार को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। जीविका दीदियों को सशक्त बनाने से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि राज्य के भीतर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। इससे लोगों को रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों में पलायन नहीं करना पड़ेगा। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों और अधिकारियों ने जीविका दीदियों को बधाई देते हुए कहा कि यह पहल न केवल महिलाओं के जीवन को समृद्ध करेगी, बल्कि बिहार के विकास के सपने को साकार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। 

मुजफ्फरपुर की जीविका दीदियां: परिवर्तन की प्रेरणा

मुजफ्फरपुर की जीविका दीदियों ने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर न केवल अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन की वाहक बनकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल की है। हाल ही में विश्व बैंक की टीम ने जिले का दौरा किया और दीदियों द्वारा संचालित बैग क्लस्टर, बीज प्रसंस्करण, दीदी की रसोई, सौर ऊर्जा पंप जैसे उद्यमों की सराहना की। विश्व बैंक ने इन प्रयासों को ग्रामीण आत्मनिर्भरता का अनुकरणीय मॉडल बताया। 

‘सोलर दीदी’ देवकी जी: राष्ट्रीय प्रेरणा स्रोत

प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात के 125वें संस्करण (31 अगस्त 2025) में मुजफ्फरपुर के बोचहा प्रखंड की देवकी जी का विशेष उल्लेख किया। देवकी जी ने सौर ऊर्जा पंप के माध्यम से 40 एकड़ से अधिक भूमि को सिंचाई सुविधा प्रदान की, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई और उन्हें राष्ट्रीय पहचान मिली। आज वे अन्य जीविका दीदियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं। 

महिलाओं के सपनों को मिले पंख

जीविका निधि और नई योजनाओं ने बिहार की महिलाओं को उद्यमिता की राह पर आगे बढ़ने का अवसर दिया है। 

• बीज प्रसंस्करण ने किसानों की उपज को बाजार तक पहुंचाने में मदद की। 
• बैग क्लस्टर ने महिलाओं को उत्पादन और विपणन की कला सिखाई। 
• दीदी की रसोई ने रोजगार के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की। 
• सौर ऊर्जा पंप ने कृषि क्षेत्र में हरित क्रांति की नींव रखी।

ये प्रयास न केवल व्यक्तिगत जीवन को बदल रहे हैं, बल्कि सामुदायिक स्तर पर जागरूकता और सशक्तिकरण का नया दौर शुरू कर रहे हैं। 

आत्मनिर्भरता से सामाजिक सम्मान तक

आज की जीविका दीदियां केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं हैं, बल्कि नेतृत्व क्षमता और सामाजिक सम्मान में भी अग्रणी बन रही हैं। कई दीदियों ने बताया कि पहले वे दूसरों पर निर्भर थीं, लेकिन जीविका समूहों और सरकारी योजनाओं की बदौलत अब वे अपने परिवार का भरण-पोषण, बच्चों की शिक्षा और समाज में सम्मानजनक स्थान हासिल कर रही हैं। 

नया बिहार, नई उम्मीद

बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ का शुभारंभ बिहार के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। मुजफ्फरपुर की जीविका दीदियों का जोश और जज्बा इस बात का प्रमाण है कि बिहार की महिलाएं हर क्षेत्र में सशक्त और अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार हैं। यह पहल न केवल महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी, बल्कि बिहार को आत्मनिर्भर और विकसित राज्य बनाने की दिशा में भी मजबूत आधार प्रदान करेगी।  बिहार की जीविका दीदियां अब न केवल अपने परिवारों का, बल्कि पूरे राज्य का गौरव बन चुकी हैं।