मुजफ्फरपुर, बिहार: शाही लीची की मिठास और स्वाद के लिए देशभर में मशहूर मुजफ्फरपुर अब अपनी इस अनमोल विरासत को एक रचनात्मक और पर्यावरण-अनुकूल पहल के जरिए नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है। नगर निगम और स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर के सौंदर्यीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक अनूठी परियोजना शुरू की गई है। माधौल बाइपास रोड पर शाही लीची के आकार में एक भव्य कलाकृति तैयार की जा रही है, जो न केवल शहर की सांस्कृतिक पहचान को उजागर करेगी, बल्कि स्वच्छता और रिसाइक्लिंग का संदेश भी देगी।
इस विशाल कलाकृति की खासियत यह है कि इसे पूरी तरह से वेस्ट मटेरियल जैसे लोहे, प्लास्टिक और अन्य बेकार पड़ी वस्तुओं से बनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य शाही लीची की ख्याति को देश-विदेश के पर्यटकों तक पहुंचाना और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना है। यह कलाकृति शहरवासियों और आगंतुकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनने की राह पर है।
इस परियोजना को आरा जिले के प्रसिद्ध कलाकार प्रशांत कुमार अपने रचनात्मक कौशल से साकार कर रहे हैं। इससे पहले प्रशांत ने मोतीझील फ्लाईओवर पर पीपल के पेड़ की शानदार कलाकृति बनाकर खूब वाहवाही बटोरी थी। अब वे माधौल बाइपास रोड पर 12 शाही लीचियों के गुच्छे की आकर्षक संरचना बना रहे हैं। इस कलाकृति की नींव ईंट और सीमेंट से तैयार की गई है, जिसे अब लाल रंग की चमकदार लीचियों के रूप में अंतिम रूप दिया जा रहा है।
नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक, इस कलाकृति का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और अगले दो दिनों में यह पूरी तरह से तैयार होकर जनता के सामने होगी। यह परियोजना न केवल मुजफ्फरपुर की शाही लीची को एक नई ब्रांड पहचान देगी, बल्कि शहर में पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। यह कलाकृति जल्द ही मुजफ्फरपुर के प्रमुख लैंडमार्क्स में शुमार हो सकती है, जिस पर हर शहरवासी को गर्व होगा।
यह पहल न सिर्फ कला और संस्कृति का संगम है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय गौरव को बढ़ावा देने का एक शानदार उदाहरण भी है। आने वाले दिनों में यह शाही लीची की कलाकृति मुजफ्फरपुर की नई पहचान बनकर उभरेगी।

Posted inBihar muzaffarpur News