राज्य कैबिनेट की स्वीकृति के बाद बिहार में भारत सीरीज यानी बीएच सीरीज लागू हो गई है। बीएच सीरीज का नंबर देश भर में मान्य होगा। परिवहन विभाग ने गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। भारत या बीएच सीरीज का नंबर फिलहाल नई गाड़ियों को ही दिया जाएगा। वह भी उन लोगों को जिनका वास्ता एक से अधिक राज्यों से है या होने की संभावना है। भारत सीरीज का नंबर मिलने से दूसरे राज्य में गाड़ी ले जाने पर फिर से रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होगी। नंबर भी नहीं बदलना होगा। सिर्फ रोड टैक्स भरकर दूसरे राज्य में भारत सीरीज के नंबर पर ही गाड़ी का परिचालन किया जा सकेगा।

तबादले के बाद नहीं होगी परेशानी

विभागीय आदेश के अनुसार, केंद्र सरकार या निजी कंपनियों के वैसे कर्मी जिनका तबादला एक से दूसरे राज्यों में होता रहता है वे बीएच सीरीज का नंबर ले सकेंगे। ऐसे व्यवसायी जिनका कारोबार एक से अधिक राज्यों में है, वे भी बीएच सीरीज का नंबर ले सकेंगे। इन सभी को बीएच सीरीज लेने के समय कागजात जमा करने होंगे जिससे यह साबित हो कि उनका वास्ता एक से अधिक राज्यों में पड़ेगा। राज्य सरकार ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा केंद्रीय नियमावली 1989 के नियमों में संशोधन को देखते हुए यह संशोधन किया है।

कुछ ऐसी होगी भारत सीरीज

बीएच सीरीज के पहले दो अक्षर निबंधन के वर्ष के अंतिम दो अंक होंगे। इसके बाद बीएच होगा। इसके बाद चार अंकों में 0001 से 9999 के अंक होंगे। इसके बाद अंग्रेजी के ए, बी, सी, डी और उसके बाद एए आदि से नंबर शुरू होगा। सीरीज में अंग्रेजी के दो अक्षर आई और ओ को वर्जित किया गया है।

नहीं बदलेगा नंबर, देना होगा रोड टैक्स

नंबर लेने के बाद अगर किसी की नौकरी दूसरे राज्य में हो जाती है, तो उस कर्मी को संबंधित राज्य में रोड टैक्स जमा कराना होगा। उनकी गाड़ी के नंबर सीरीज में कोई बदलाव नहीं होगा। 10 लाख से कम की गाड़ी लेने पर आठ प्रतिशत, 10 से 20 लाख तक की गाड़ी लेने पर 10 प्रतिशत तो 20 लाख से अधिक की गाड़ी लेने पर 12 प्रतिशत टैक्स देना होगा। डीजल वाहनों के लिए दो प्रतिशत अधिक जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों को दो प्रतिशत कम टैक्स देना होगा।

Source : Dainik Jagran

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