नई दिल्ली: अब जल्द ही ट्रेन की साइड लोअर बर्थ पर सफर करना आरामदायक होने वाला है. रेलवे ने इसके लिए खास तैयारियां शुरू कर दी हैं. साइड लोअर बर्थ के बीच बने गैप को भरने के लिए रेलवे एक फोम या गद्दी वाला प्लैंक भी पैसेंजर्स को उपलब्ध कराएगा. इससे जुड़ा एक वीडियो ट्विटर पर ट्रेंडिंग है जिसमें साइड लोवर बर्थ के नए डिजाइन के बारे में आप समझ सकते हैं.

साइड लोअर बर्थ अकसर कैंसिलेशन अंगेंस्ट रिजरवेशन वाले पैसेंजर्स को दी जाती है. इस बर्थ पर परेशानी तब शुरू होती है जब इस दोनों सेपरेट सीट को गिराकर एक सोने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. अलग-अलग सीटें होने के कारण इसके बीच एक गैप बन जाता था जिससे पैसेंजर्स को कमर दर्द की शिकायत हो जाती थी.

कैसे कर सकेंगे इस्तेमाल

रेलवे की इस नई पहल से पैसेंजर्स को अब किसी तरह के दर्द का सामना नहीं करना पड़ेगा. गद्दी वाला प्लैंक नॉर्मल बर्थ साइज से थोड़ा चौड़ा है. ये प्लैंक बर्थ की साइड में लगा हुआ होगा जिसे खींचकर इस्तेमाल किया जा सकता है.

पैसेंजर्स का सफर आरामदायक बनाने के लिए रेलवे कई तरह के कदम उठा रहा है. इससे पहले रेलवे ने सभी नॉन एसी स्लीपर क्लास को थ्री टायर एसी कोच में बदलने का एलान किया था. वहीं जनरल बोगियों को भी एसी को में बदला जाएगा. रेलवे के इस कदम के बाद ट्रेन पूरी तरह से एसी हो जाएगी.

स्लीपर क्लास को एसी कोच में बदलने में कुल 3 करोड़ रुपए का खर्च आएगा

रेलवे ऐसे 230 कोच तैयार कर रही है. एक स्लीपर क्लास को एसी कोच में बदलने में कुल 3 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में फिलहाल इन कोचेज के प्रोटोटाइप बनाए जा रहा है. अपडेट हुए कोचेज को इकोनॉमिकल AC 3-tier Class के नाम से जाना जाएगा. रेलवे का कहना है कि इसमें यात्रा करने वाले लोगों की जेब पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.

इकोनॉमिकल कोचेज के अंदर 72 की जगह 83 सीटें होंगी
अपग्रेड हुए इकोनॉमिकल कोचेज के अंदर 72 की जगह 83 सीटें होंगी. आम तौर पर कोच में सिर्फ 72 सीट ही होती है. ये नए कोच एसी-3 टियर टूरिस्ट क्लास भी कहलाएंगे. वहीं जनरल कोचेज में भी सीटों की संख्या बढ़ाकर 100-105 कर दी जाएगी. हालांकि अभी इसका डिजाइन तय नहीं हुआ है.
जानकारी के मुताबिक पहले फेज में रेलवे 230 कोच बनाएगी. हर कोच को बनाने में लगभग 3 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जो कि नॉर्मल एसी-3 टियर को बनाने के खर्च से 10 फीसदी ज्यादा है.

Input : ABP News

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