कल्पना कीजिए शादी के सात दिनों के बाद ही कोई नवविवाहिता विधवा हो जाये और पुलिस उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दे तो उसकी जिंदगी कैसी होगी? कानपुर की खुशी दुबे की कहानी भी एक ऐसी ही लड़की की कहानी है. जो शादी के महज सात दिनों के बाद ही विधवा हो गई और फिर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया. ये वाकया तब का है जब खुशी दुबे महज सत्रह साल की थी. यानी शादी के वक्त वह नाबालिग थी.

करीब ढाई साल जेल में रहनेवाली खुशी को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. लेकिन करीब एक हफ्ते से ज्यादा समय बीतने के बावजूद वो जेल से बाहर नहीं आ सकी है.

रिहाई में क्यों हो रही देरी?

खुशी दुबे को इस केस से रिहाई तो नहीं मिली है, लेकिन कोर्ट ने उसे बेल दे दिया है और जेल से बाहर निकालने की प्रक्रिया चल रही है. पहचान के लिए दिए गए कागजातों के सत्यापन के कारण देर हो रही है. उसके वकील शिवकांत दीक्षित के अनुसार, खुशी की जमानत के लिए चार एफडी के कागजात दाखिल किए गए हैं, जो एक ही बैंक के हैं. कोर्ट ने इनके सत्यापन के लिए बैंक भेजा है. संपत्ति को लेकर जो कागजात दाखिल किए हैं, उन्हें भी रजिस्ट्री कार्यालय भेजा गया है.

इनके अलावा वकील ने बताया कि खुशी की पहचान के सत्यापन के लिए पुलिस रिपोर्ट देगी. बैंक, रजिस्ट्री ऑफिस और पुलिस थाने से सत्यापन रिपोर्ट आ जाएगी, फिर जेल से बाहर लाने के लिए परवाना तैयार किया जाएगा. इसमें एक-दो दिन और लग सकता है.

नाबालिग खुशी की शादी कैसे हुई?

पुलिस की पूछताछ में खुशी दुबे की मां ने इस राज को उजागर किया है. मां गायत्री का कहना है कि उसके पति का नाम श्यामलाल है, जोकि पेंटिंग करते हैं. सत्रह साल उम्र होने के बाद उसकी शादी के लिए लड़के की तलाश की जाने लगी. इसी तलाश में वह पति के साथ कानपुर के बिकरू पहुंची जहां विकास दुबे से मुलाकात हुई. विकास दुबे खुशी की फोटो देखने के बाद अपने भतीजे से शादी पर अड़ गया और फिर झटपट उसकी शादी कर दी गई.

खुशी दुबे पर क्या है आरोप?

खुशी और अमर दुबे की शादी बिकरु कांड के सिर्फ 5 दिन पहले 29 जून, 2020 को हुई थी. कानपुर के चौबेपुर थाना के बिकरु गांव में 2 जुलाई की रात गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गैंग ने 8 पुलिसवालों की हत्या कर दी थी. जिसके बाद खुशी के पति और बिकरु कांड के आरोपी अमर दुबे को STF की टीम ने 5 जुलाई, 2020 को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया था.

इसके बाद खुशी दुबे को 8 जुलाई 2020 को गिरफ्तार किया गया था. तब उसकी उम्र महज 17 साल थी. नाबालिग होने के चलते खुशी दुबे को पहले बाराबंकी सुधार गृह में रखा गया था.

18 साल की होने के बाद उसे कानपुर देहात जिला कारागार में ट्रांसफर कर दिया गया था. खुशी पर आरोप है कि विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई पुलिस की मौजूदगी के बारे में बाकी आरोपियों को बता दिया था, जिसके बाद पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया था.

जेल में नाचते हुए वीडियो वायरल

जेल में रह कर भी खुशी दुबे सुर्खियों में रही. कभी पुलिसकर्मियों पर प्रताड़ना के आरोप लगाकर तो कभी अपने वायरल डांस वीडियो को लेकर. कानपुर देहात जिला जेल में बंद खुशी दुबे का जुंबा डांस वाला वीडियो पिछले दिनों खूब वायरल हुआ था. डांस का वीडियो बाहर आने पर जेल प्रशासन पर सवाल खड़े हुये थे. हालांकि बाद में बताया गया कि जेल में महिला बंदियों का तनाव दूर करने के लिए वहां योग शिविर का आयोजन किया गया था.

राजनीति भी खूब हुई

यूपी में विधानसभा चुनाव के वक्त खुशी दुबे की जेल को लेकर सियासत भी खूब देखने को मिली. बीएसपी सुप्रीमो माय़ावती ने प्रताड़ना का मुद्दा उठा दिया था. यहां तक कहा गया कि सतीश मिश्रा खुशी दुबे का केस लड़ेंगे.

अब खुशी दुबे को जमानत दिए जाने पर यूपी कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी ने कहा है कि न्याय की जीत हुई है. बीजेपी सरकार ने अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए उसे जेल में डाला. जबकि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि खुशी दुबे की जमानत बीजेपी के अन्याय और नारी उत्पीड़न के दुष्प्रयासों की करारी हार है.

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने खुशी दुबे को जमानत देते हुए कहा है कि इस केस में ट्रायल शुरू हो गया है, लिहाजा अब उसे जेल में रखने की जरूरत नहीं.

Source : Tv9 bharatvarsh

One thought on “नाबालिग रहते शादी, 7 दिन मे विधवा फिर जेल, अब बेल के बाद भी रिहाई नहीं, ऐसी है खुशी दुबे की कहानी”
  1. You are in point of fact a just right webmaster. This website loading pace is incredible.
    It seems that you’re doing any distinctive trick.
    Furthermore, the contents are masterpiece. you’ve performed a fantastic
    process on this subject! Similar here: najtańszy sklep and also
    here: Sklep internetowy

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *