Amarnath Cloud Burst: अमरनाथ में इस वक्त तबाही का मंजर है. पवित्र गुफा के पास बादल फटने से करीब 16 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 30 से 40 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं, 5 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है. यहां अचानक आई बाढ़ में कई लोग बह गए. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है. तीर्थयात्रियों को सभी जरूरी सहायता मुहैया करने के निर्देश दिए गए हैं. मैं स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा हूं.
एजेंसी के मुताबिक एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने बताया कि NDRF की एक टीमें रेस्क्यू में जुटी हुई हैं. करवाल ने कहा कि तीन टीमें बचाव कार्य कर रही हैं, जिनमें लगभग 75 कर्मी हैं. उन्होंने बताया कि 30 जून से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा प्राकृतिक आपदा के बाद फिलहाल स्थगित कर दी गई है. रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने के बाद इसे फिर से शुरू करने पर फैसला किया जाएगा.
‘पहले भी बारिश हुई पर ऐसा मंजर नहीं देखा’
जम्मू-कश्मीर के मौसम विभाग की निदेशक सोनम लोटस ने कहा कि इस साल की शुरुआत में भी इस तरह की बारिश हुई थी. लेकिन ऐसे मंजर नहीं बने थे. जबकि स्थानीय अधिकारियों के अनुसार 25 टेंट और तीन सामुदायिक रसोई को नुकसान पहुंचा है. घायलों की सहायता के लिए सोनमर्ग और अन्य जगहों पर अस्थायी अस्पताल बनाए गए हैं.
प्रभावित लोगों के परिवारों की मदद के लिए दक्षिण कश्मीर, श्रीनगर और दिल्ली के अनंतनाग में हेल्पलाइन नंबर शुरू करने के अलावा संभागीय आयुक्त (कश्मीर) ने एक सेंट्रल कमांड सेंटर बनाया है. ITBP के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने कहा कि सुरक्षा बल हर लापता व्यक्ति की खोज में जुटे हुए हैं.
सभी स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां रद्द
कश्मीर के हेल्थ सर्विस डायरेक्ट्रेट की ओर से सभी कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई हैं. कर्मियों को तुरंत ड्यूटी पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही सभी अधिकारियों को अपने मोबाइल स्विच ऑन रखने के निर्देश दिए गए हैं.
तीन बेस अस्पतालों में चल रहा घायलों का इलाज
गांदरबल के सीएमओ डॉ. अफरोज़ा शाह ने बताया कि फिलहाल सभी घायलों का तीनों बेस अस्पतालों में इलाज चल रहा है. ऊपरी पवित्र गुफा, निचली पवित्र गुफा, पंजतरणी में घायलों को लाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा में करीब 40 से अधिक लोग घायल हो गए हैं. हमने यहां घायलों के लिए सभी इंतजाम किए हैं. यहां 28 डॉक्टर, 98 पैरामेडिक्स, 16 एंबुलेंस मौजूद हैं. साथ ही एसडीआरएफ की टीमें भी मौजूद हैं. वहीं इंडियन एयरफोर्स ने कहा कि अमरनाथ में बचाव और राहत अभियान जारी है. हेलीकॉप्टर और कर्मियों सहित सभी संसाधन लगाए गए हैं.
‘हर तीर्थयात्री को बचाने पर ध्यान’
अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ नीतीश्वर कुमार ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. हमारा ध्यान तीर्थयात्रियों को बचाने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने पर है. NDRF हेल्पलाइन नंबर सक्रिय हैं. बचाव कार्य चल रहा है. सेना के हेलीकॉप्टर भी रेस्क्यू कार्य में लगे हुए है.
इन हेल्पलाइन नंबर्स पर करें संपर्क
प्राकृतिक आपदा के बाद हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं. इसके साथ ही आम जनता को सलाह दी गई है कि किसी भी प्रकार की सहायता के लिए निम्नलिखित टेलीफोन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं.
– संयुक्त पुलिस नियंत्रण कक्ष पहलगाम
9596779039
9797796217
01936243233
01936243018
– पुलिस नियंत्रण कक्ष अनंतनाग
9596777669
9419051940
01932225870
01932222870
– श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की ओऱ से जारी हेल्पलाइन नंबर
NDRF
011-23438252
011-23438253
कश्मीर संभागीय हेल्पलाइन:
0194-2496240
श्राइन बोर्ड हेल्पलाइन:
0194-2313149
NDRF हेल्पलाइन नंबर: +91-9711077372
SDRF जम्मू-कश्मीर: 91-194-2455165, +91-9906967840
अमरनाथ यात्रा हेल्पलाइन नंबर (मंडल नियंत्रण कक्ष-संभागीय आयुक्त जम्मू का कार्यालय): 0191-2478993
इनपुट : आज तक
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