भारत-चीन की सरहद पर पिछले 45 साल में जो नहीं हुआ था, वह सोमवार रात हो गया। दोनों देशों के जवानों के बीच हिंसक झड़प में भारत के कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 सैनिक शहीद हो गए। यह झड़प लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गालवन वैली में हुई। गालवन वैली वही इलाका है, जहां 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी। LAC पर सोमवार को चीन के साथ हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए हैं. इससे पहले मंगलवार को दोपहर में एक अफसर और दो जवानों के शहीद होने की जानकारी सामने आई थी, लेकिन अब मिल रही जानकारी के मुताबिक, इस घायल हुए 17 और जवान भी शहीद हो गए हुए हैं. शहीदो की संख्या अभी और बढ़ सकती है. कई जवान अभी भी लापता है.

चीन ने विवादित इलाके से सैनिकों को हटाने की बात कही थी. लेकिन सोमवार की रात भारतीय सेना की पेट्रोलिंग पार्टी ने देखा कि चीनी सैनिक लगातार विवादित इलाके में जमे हैं और वहां पर और युद्ध के सामान जुटाये जा रहे हैं. भारतीय सैनिकों के विरोध के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच कई घंटे तक पत्थरबाजी और लाठी-डंडे से जबरदस्त झड़प हुई. एलएसी पर हुई इस हैरतअंगेज घटना में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने की खबर मिल रही है. वहीं, चीन के भी 43 सैनिकों के मारे जाने और दर्जनों के घायल होने की खबरें हैं. बॉर्डर पे चीन के कॉपर भी देखे गए है जो अंदाजा लगाया जा रहा है की चीन अपने घायल सैनिको को ले जाने के लिए आया होगा. बहरहाल चीन के तरफ अभी कुछ स्वीकारा नहीं गया है.

LAC पर हुई इस झड़प के बाद दिल्ली में बैठकों का दौर भी शुरू हो गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के साथ बैठक हुई. वहीं, राजनाथ सिंह ने इस मामले की जानकारी प्रधानमंत्री मोदी को फोन पर दी. तो वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पीएम आवास जाकर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की.

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