प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर बिहार के मधुबनी में 13,480 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने और आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई का संकल्प दोहराया। कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई केंद्रीय मंत्री और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
पहलगाम हमले पर शोक और कड़ा संदेश
प्रधानमंत्री ने 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उपस्थित लोगों से उनकी आत्मा की शांति के लिए मौन प्रार्थना करने की अपील की। उन्होंने कहा, “यह हमला निहत्थे पर्यटकों पर नहीं, बल्कि भारत की आत्मा पर था। 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति आतंकवाद के आकाओं की कमर तोड़ देगी।” उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों को धरती के किसी भी कोने में छिपने नहीं दिया जाएगा और उन्हें कठोर सजा दी जाएगी।
पंचायती राज को सशक्त बनाने का दशक
प्रधानमंत्री ने बीते दशक में पंचायती राज को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “पंचायतों को तकनीक से जोड़ा गया है। 2 लाख से अधिक ग्राम पंचायतें इंटरनेट से जुड़ी हैं और 5.5 लाख कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए गए हैं।” डिजिटलीकरण से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र और भूमि स्वामित्व जैसे दस्तावेज आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं। इसके अलावा, 30,000 नए पंचायत भवन बनाए गए हैं और पंचायतों को 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि दी गई है।
उन्होंने भूमि विवादों को कम करने के लिए भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण पर जोर दिया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पारदर्शिता बढ़ी है।
महिलाओं का सशक्तीकरण और सामाजिक भागीदारी
मोदी ने बिहार को पंचायतों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण देने वाला पहला राज्य बताते हुए इसे सच्चा सामाजिक न्याय करार दिया। उन्होंने कहा कि दलित, महादलित, पिछड़े और अत्यंत पिछड़े वर्गों की महिलाएं आज जनप्रतिनिधि के रूप में सक्रिय हैं। केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण कानून को भी उन्होंने सामाजिक भागीदारी का प्रतीक बताया।
बिहार के ‘जीविका दीदी’ कार्यक्रम की सफलता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है, जिससे महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण हो रहा है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दशक में ग्रामीण अर्थव्यवस्था ने अभूतपूर्व गति पकड़ी है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 करोड़ पक्के घर बनाए गए, जिनमें बिहार में 57 लाख गरीब परिवारों को लाभ मिला। उन्होंने घोषणा की कि अगले कुछ वर्षों में 3 करोड़ और पक्के घर बनाए जाएंगे। आज बिहार में 1.5 लाख परिवार अपने नए घरों में प्रवेश कर रहे हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर: विकास की नई नींव
मोदी ने बीते दशक को भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर का स्वर्णिम दशक बताया। उन्होंने कहा कि 12 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल से जल, 2.5 करोड़ घरों को बिजली और लाखों परिवारों को गैस कनेक्शन मिला है। लद्दाख और सियाचिन जैसे क्षेत्रों में भी 4जी और 5जी कनेक्टिविटी पहुंचाई गई है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रगति का जिक्र करते हुए उन्होंने दरभंगा में एम्स और झंझारपुर में नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना का उल्लेख किया। आयुष्मान भारत योजना और जन औषधि केंद्रों ने बिहार में लाखों परिवारों को मुफ्त इलाज और सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराई हैं।
रेल और कनेक्टिविटी में क्रांति
प्रधानमंत्री ने जयनगर-पटना के बीच ‘नमो भारत रैपिड रेल’ और सहरसा-मुंबई के बीच ‘अमृत भारत एक्सप्रेस’ को हरी झंडी दिखाई। सुपौल-पिपरा और हसनपुर-बिथान रेल लाइनों का उद्घाटन किया गया। मधुबनी और झंझारपुर सहित कई रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण और पटना हवाई अड्डे का विस्तार भी बिहार में कनेक्टिविटी को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।
मखाना: मिथिला की संस्कृति, वैश्विक पहचान
श्री मोदी ने मखाना को मिथिला की संस्कृति का हिस्सा बताते हुए इसके सुपरफूड के रूप में वैश्विक पहचान पर गर्व जताया। मखाना को जीआई टैग और अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय दर्जा मिला है। मखाना बोर्ड की स्थापना से किसानों की आय बढ़ेगी और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बिहार का मखाना अपनी जगह बनाएगा।
कृषि और मत्स्य पालन को बढ़ावा
प्रधानमंत्री ने बिहार में बाढ़ की समस्या के समाधान के लिए 11,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की घोषणा की, जिसमें बांध और नहरों का निर्माण शामिल है। मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत सैकड़ों करोड़ की परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
पुरस्कार और अन्य परियोजनाएं
प्रधानमंत्री ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रदान किए। गोपालगंज में 340 करोड़ रुपये की लागत से एलपीजी बॉटलिंग प्लांट, 1,170 करोड़ की बिजली परियोजनाएं और 5,030 करोड़ की वितरण क्षेत्र परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया।
विकसित बिहार, विकसित भारत
अपने संबोधन के अंत में श्री मोदी ने कहा, “शांति और सुरक्षा तेजी से विकास की पहली शर्त है। विकसित भारत के लिए विकसित बिहार जरूरी है।” उन्होंने बिहार के हर वर्ग और क्षेत्र तक प्रगति पहुंचाने का संकल्प दोहराया।