मुजफ्फरपुर -मानवाधिकार जनकल्याण सुरक्षा समिति के तत्वावधान में आज भगवानपुर स्थित आयुष्मान नर्सिंग प्रशिक्षण संस्थान में “भारतीय राष्ट्रवाद : चुनौतियाँ और समाधान” विषय पर परिसंवाद का आयोजन किया गया। विषय प्रवेश कराते हुए मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने कहा कि भारतीय राष्ट्रवाद अंतरराष्ट्रीयतावाद का पोषक है। हमने एक आदर्श राष्ट्रवाद की कल्पना की है।
इसमें विश्व-कल्याण के निमित्त अपने राष्ट्रीय हितों की बलि चढ़ाने का भाव निहित है। इसमें व्यक्ति को अपने परिवार के हित में, परिवार को समाज के हित में, समाज को राष्ट्र के हित में और राष्ट्र को विश्व के हित में आहुति देने का आदर्श निहित है। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रवाद की अवधारणा सर्वसमावेशी रही है। हमारा आदर्श ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ है। यहाँ ‘सर्वे’ में केवल भारत के लोग नहीं सम्मिलित है, बल्कि सम्पूर्ण विश्व समाहित है। इसमें मनुष्य के साथ – साथ सम्पूर्ण चराचर जगत, समस्त ब्रह्मांड सम्मिलित हो जाता है।
मुख्य वक्ता डॉ. कुमार विरल ने कहा कि प्रत्येक राष्ट्र की अपनी – अपनी अस्मिता होती है। यह अस्मिता ही राष्ट्र की असली पहचान है। इसलिए राष्ट्रीय अस्मिता के लिए किसी राष्ट्र के सभी नागरिकों का राष्ट्र के प्रति भावनात्मक लगाव या राष्ट्रभक्ति जरूरी है। मुख्य अतिथि मुजफ्फरपुर विशेष शाखा के अवकाश प्राप्त पुलिस पदाधिकारी विनय कुमार सिंह ने कहा कि देश के सभी नागरिकों से प्रेम करना ही सच्चा राष्ट्रवाद है।
मौके पर मनोज कुमार, जगदीश सिंह ने अपने विचार व्यक्त किये। संगोष्ठी की अध्यक्षता भगवानपुर पंचायत के पूर्व मुखिया एवं समाजसेवी अशर्फी राय ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन शाहिल कुमार ने किया। मौके पर कौशलेंद्र कुमार मिश्र, अखिलेश झा, धनंजय कुमार, अजय कुमार, मुकेश कुमार कौशल, प्रफुल्ल कुमार श्रीवास्तव सहित सैकड़ों की संख्या में मानवाधिकार कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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