मुजफ्फरपुर, बिहार मे शराब बंदी क़ानून लागू है. फिर भी कुछ लोग चोरी-छिपे शराब का कारोबार करते है. जिसपर आये पुलिस कार्रवाई करते हुए लोगो को गिरफ्तार करती है. सूबे के मुखिया पूरे समाज को पाठ पढ़ाते रहते है की शराब बुरी चीज है इसे ना पिये और ना ही किसी को पीने दे. इस काम के लिए उन्होंने आबकारी विभाग, पुलिस प्रसासन और अब शिक्षकगणों को भी लगा चुके है. लेकिन मुजफ्फरपुर मे जो मामला अब निकल के आ रहे है वो ना केवल मुजफ्फरपुर वासियों को चौंका रहा है बल्कि उसे सुन कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शर्म से पानी पानी हो जायेंगे.
क्या है मामला

मामला जिले के मड़वन प्रखंड से है जिसमे जेडीयू के प्रखंड अध्यक्ष प्रमोद पटेल पर ही खुद शराब का सेवन व शराब का कारोबार करने का आरोप लगा है. पुलिस के पास इस संबंध में पुख्ता साक्ष्य उपलब्ध है। पुलिस के अनुसार वे फरार बताये गए है। हालांकि सदर अंचल-‘ए’ के पर्यवेक्षण रिपोर्ट में मामला सत्य करार दिया गया है। जिसमे उनके दरवाजे से शराब बरामद होने व शराब का कारोबार करने का मामला सामने आया है।
पार्टी का क्या होगा एक्शन

बताया गया है कि पूर्व में कांड संख्या-199/21 करजा थाने में दर्ज किया गया था जिसमे जेडीयू के प्रखंड अध्यक्ष के दरवाजे से शराब बरामद हुआ था। इसमे 5 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया गया था। अब तक इस मामले में 3 शराब तस्करों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। अब देंखने वाली बात होगी कि इतने बड़े आरोप लगने के बाद भी जेडीयू प्रखंड अध्यक्ष के पद से उन्हें हटा पाती है या नही? इधर राजद के नेताओ ने तंज कसना शुरू कर दिया है। आरोप लगा रहे है कि प्रखंड अध्यक्ष के माध्यम से सरकार घर-घर शराब बेचवा रही है। अब देंखने वाली बात होगी कि पार्टी क्या कार्यवाई करती है।
प्रखंड अध्यक्ष की सफाई

मीडिया ने जब प्रमोद पटेल से इस बाबत पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वे खुद अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने आशा देवी को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया है. वैसे प्रमोद पटेल ये भी कह रहे हैं कि उनका थानेदार से विवाद था इसलिए शराब के झूठे मामले में उन्हें आरोपी बना दिया गया है. पुलिस के आलाधिकारियों को इसकी जांच करनी चाहिये.