मुजफ्फरपुर-हाजीपुर एनएच-22 के बाइपास में मधौल से सदातपुर तक का निर्माण फिर से अटक गया है। रावत एसोसिएट्स ने काम बंद कर दिया है। इसकी जानकारी स्थानीय ओपी, थाना से लेकर जिला प्रशासन तक को दी है। साथ ही कहा है कि जबतक पुलिस सुरक्षा नहीं मिलेगी, वे लोग काम शुरू नहीं करेंगे। मजदूरों ने भी काम करने से इंकार कर दिया है।

आशंका जतायी जा रही है कि मजदूर कैंप छोड़ जल्द ही अपने घर लौट सकते हैं। रावत एसोसिएट्स काम छोड़कर नोएडा लौट सकती है। बुधवार को हुई मधौल साइट प्लांट में फायरिंग की घटना के संबंध में प्रशासनिक अधिकारी धानी सिंह ने अपने एमडी को अवगत करा दिया है। उनके अंतिम निर्णय के बाद कैंप उखड़ जाएगा।

मालूम हो कि, धानी सिंह ने तुर्की ओपी के माध्यम से कुढ़नी थाने में बुधवार को एफआईआर करायी थी। इधर, एसएसपी जयंतकांत ने बताया कि पुलिस ने वैज्ञानिक तरीके सेजांच शुरू कर दी है। इसे लेकर टीम भी बनायी गई है। जल्द अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा।

धानी सिंह को खोजते दो बार रात को भी आये थे बदमाश :

इधर, धानी सिंह ने बताया कि बुधवार की रात साढ़े बारह और ढ़ाई बजे बाइक सवार छह अपराधी प्लांट पर आये थे। वे मुझे खोज रहे थे। लेकिन, गार्ड और अन्य मजदूरों ने बताया कि वे दिल्ली रहते हैं। यहां कभी कभार आते हैं। इसके बाद मोबाइल नंबर मांग तो मजदूरों ने नंबर नहीं होने का हवाला दिया। इसके बाद वे लोग प्लांट को बम से उड़ाने की धमकी देकर चलते बने।

प्रशासनिक अधिकारी धानी सिंह ने बताया कि बुधवार से काम बंद है। गुरुवार को भी काम नहीं हो सका। ढ़लाई आदि काम होना था जिसे लेबर ने करने से मना कर दिया। प्लांट पर रहने वाले लेबर दहशत में हैं।

नहीं हो सका टावर डंपिंग :

पुलिस सूत्रों की मानें तो फायरिंग की घटना को हुए करीब 24 घंटा से अधिक समय बीत गया है। लेकिन, अबतक मधौल इलाके का टावर डंपिंग नहीं हो सका है ताकि संदिग्ध नंबर का ट्रेस पाया सके और अपराधियों के मोबाइल का लोकेशन मिल सके।

अक्टूबर में शुरू हुआ था दोबारा काम :

बताया जाता है कि मुजफ्फरपुर-हाजीपुर एनएच 22 के मधौल-सदातपुर बाइपास का निर्माण बीते साल अक्टूबर 2020 में दोबारा शुरू हुआ था। इसबीच कई बार जमीन अधिग्रहण को लेकर काम ठप हुआ था। आपराधिक घटना और रंगदारी मांगने को लेकर एक साल पहले भी काम बंद हो गया था।

150 करोड़ का प्रोजेक्ट :

बताया जाता है कि मधौल-सदातपुर 17 किलोमीटर का निर्माण रावत एसोसिएट्स कर रही है। यह प्रोजेक्टर 150 करोड़ का है जो दो साल में पूरा करना है। एक साल से अधिक का समय भी निकल गया है। काम अभी आधा से अधिक बाकी है। लेकिन, इसबीच बदमाश और माओवादियों के द्वारा लगातार रंगदारी में मोटी रकम मांगी जा रही है। इससे काम बाधित हो रहा है।

न सुरक्षा मिली और न दोबारा पुलिस पहुंची :

जानकारी के मुताबिक, घटना के 35 घंटे बाद भी मधौल प्लांट पर पुलिस की सुरक्षा नहीं मिली है। गार्ड की भी तैनाती नहीं हो सकी है। गुरुवार को तुर्की ओपी पुलिस घटना के बाद प्लांट पर दोबारा नहीं गई है। हालांकि, एनएच होकर कई बार गुजरी जरूर है।

इनपुट : हिंदुस्तान

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