मुजफ्फरपुर, सदर थाना के गोबरसही प्रभात नगर स्थित कबाड़ दुकान में आरपीएफ की छापेमारी से एक बार फिर कबाड़ दुकानदारों का अवैध धंधा उजागर हुआ है. वहीं, गोबरसही से पकड़े गये केयरटेकर को बरौनी आरपीएफ आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए ले गयी है. केयरटेकर से मिली जानकारी से आरपीएफ के पदाधिकारी भी हैरान रह गये.

इस तरह से चोरी कांड को दिया जाता था अंजाम

केयरटेकर ने आरपीएफ के पदाधिकारियों को बताया कि उत्तर बिहार के अलावा पूर्वी बिहार से भी उनलोगों के पास सरकारी कार्यालय और रेलवे से चुराये गये लोहे पहुंचता है, जिसे वे लोग लोहा के दाम से एक चौथाई पर खरीदते हैं. फिर उसे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और हरियाणा के फरीदाबाद के खरीदार के हाथों बेच देते हैं. गाजियाबाद व फरीदाबाद के खरीदार उक्त लोहे काे खरीद दाम के 40 फीसदी दाम पर खरीदते है. इसके बाद उसे लोहा फैक्ट्री और साइकिल पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों के हाथ 60 से 70 फीसदी पर बेच देता है. बताया जाता है कि रेलवे का लोहा काफी मजबूत और टिकाऊ होता है. इसलिए दोबारा गलाने के बाद भी काफी मजबूत रहता है. पूमरे के सीपीआरओ बीरेंद्र कुमार ने बताया कि मामले की जांच आरपीएफ कर रही है. जांच रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी.

स्थानीय कबाड़ दुकानदार भी निशाने पर

जानकारी हो कि चोरी के सामान खरीदने को लेकर शहर के कबाड़ दुकान पहले से अवैध धंधा करने को लेकर चिह्नित हैं. चोरी के लोहा के अलावा शराब माफिया के साथ पुराने कांच के बोतल का धंधा करते हैं. पुलिस कई दफा छापेमारी भी कर चुकी है.

समस्तीपुर से चोरी हो चुका है रेल इंजन

जानकारी के अनुसार, समस्तीपुर से चोरों ने यार्ड से रेलवे का पुराने बंद पडे रेल इंजन के पार्ट्स और लोहे को ही कई बार में चोरी कर बेच दिया था. इसका खुलासा होने पर रेल महकमे में खलबली मच गयी थी. फिलहाल इसकी जांच जारी है.

हो सकती हैं विभागीय जांच

रेल सूत्रों की मानें तो मामले को लेकर रेल महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. कई तरह की चर्चाओं का दौर जारी है. इसबीच बताया जा रहा है कि रेलवे बहुत जल्द मामले में विभागीय जांच को लेकर एक विशेष कमेटी बना सकती है. इस दौरान यार्ड और आरपीएफ के जवान जांच टीम के रडार पर होंगे. बताया जाता है कि यार्ड से ही अधिकांश चोर रेलवे के लोहे की चोरी करते है. वहां सामानों की सुरक्षा को आरपीएफ के जवानों की प्रतिनियुक्ति भी रहती है.

इनपुट : प्रभात खबर

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