मुजफ्फरपुर, औराई एक गांव में सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित किशोरी को पुलिस ने विशेष पाक्सो कोर्ट में पेश किया। सीआरपीसी की धारा-164 के तहत न्यायिक दंडाधिकारी जूही शर्मा के कोर्ट में बयान दर्ज कराई गई। सीलबंद होने के कारण उसके बयान की जानकारी नहीं हुई है। पुलिस ने इस मामले के एक आरोपित लक्ष्मण सहनी को गिरफ्तार कर लिया है।

किशोरी ने कहा कि पिछले साल दुर्गापूजा के मेला से घर लौटने के क्रम में तीनों आरोपितों ने उसे अगवा कर लिया। तीनों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपित विजय सहनी ने इसका वीडियो बना लिया। आरोपितों ने यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया। उसने जब विरोध किया तो 22 मार्च को आरोपितों ने उसे व उसकी मां की पिटाई कर दी गई। उसे श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां की ओपी अध्यक्ष के समक्ष बयान दर्ज कराई थी। वीडियो के वायरल होने से समाज में बदनामी होने लगी। इस बदनामी से बचने के लिए उसके माता-पिता ने पिछले दस जून को उसकी शादी कर दी। बदनामी के कारण वह फर्दबयान पर प्राथमिकी दर्ज कराने नहीं आई। इधर कुछ दिनों से मोबाइल पर वीडियो भेजा जाने लगा तो उसने प्राथमिकी दर्ज कराई।

फर्दबयान पुलिस ने नहीं दर्ज की प्राथमिकी, लिया नया आवेदन

पीड़ित किशाेरी के पूर्व में दिए गए फर्दबयान के बदले उसके नए आवेदन पर रविवार को औराई थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। किशुन सहनी, विजय सहनी व लक्ष्मण सहनी को आरोपित बनाया है। किशोरी ने श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में 22 मार्च को फर्दबयान दर्ज कराया था। पांच माह बीतने के बाद भी पुलिस ने इस फर्दबयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की। दैनिक जागरण ने इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया। इस समाचार पर मामले को जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने स्वत: संज्ञान लिया। प्राधिकार के सचिव संदीप अग्निहोत्री ने औराई के पारा लीगल वालेंटियर सुजीत कुमार को इस संबंध में जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और किशोरी के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की।

इनपुट : दैनिक जागरण

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