पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार वृद्धि से सिर्फ आमलोग ही परेशान नहीं हैं, बल्कि पेट्रोल पंप संचालक भी परेशान हैं। तेल डिपो ने पेट्रोल पंप को उधार में तेल देना बंद कर दिया है। इससे मुजफ्फरपुर के 160 में से 48 यानि 30 प्रतिशत पेट्रोल पंप चार दिनों से बंद पड़े हैं। पेट्रोलियम संघ के अध्यक्ष रामाधार पांडेय ने बताया कि जिले में पेट्रोल पंप क्रेडिट फॉर्मूला पर कारोबार करते आ रहे हैं, लेकिन कुछ दिनों से तेल कंपनियों के डिपो ने उधार तेल देना बंद कर दिया है। कैश या फिर एडवांस देकर तेल दे रहे हैं। ऐसे में कुछ एक पंप ऑनर ही डिपो से तेल उठा रहे हैं। तेल कंपनी उधार पर 18 प्रतिशत ब्याज भी सालाना वसूलती है, इसके बावजूद तेल देना बंद कर दिया है। तेल कंपनियों के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर बात करने से इनकार कर दिया है।

ग्राहकों को उठानी पड़ रही परेशानी

करजा के बड़कागांव, कांटी के चांदनी चौक से छपरा व शहर के कई इलाकों में स्थित पेट्रोल पंप पर तेल नहीं है। ऐसे में राहगीर को परेशानी हो रही है। दोपहर व रात में गाड़ी को धक्का देने की नौबत आ गई है। खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग दिनभर तेल के लिए भटक रहे हैं।

कालाबाजारी की बढ़ी आशंका

30 प्रतिशत पेट्रोल पंप बंद होने से पेट्रोल-डीजल की कालाबाजारी की आशंका बढ़ गई है। कई इलाकों से शिकायत मिली है कि वर्तमान में 20 से 30 रुपये अधिक लेकर तेल बेचा जा रहा है। कई पेट्रोल पंप के पास तेल है, लेकिन कालाबाजारी करने की नीयत से तेल खत्म होने की जानकारी सामान्य खरीदार को दे रहे हैं। वहीं अवैध धंधा करने वालों को गैलन में तेल बेच रहे हैं। उनसे 10 रुपए प्रति लीटर अधिक भी वसूल रहे हैं।

गेहूं दौनी में डीजल की मांग अधिक

तेल नहीं मिलने से किसान भी प्रभावित हो गए हैं। गेंहू दौनी के लिए भी डीजल का संकट है। डीजल नहीं मिलने से दौनी प्रभवित हो रही है। किसानों की मानें तो उनलोगों ने दौनी के प्रति घंटे का रेट भी बढ़ा दिया है।

Input : live hindustan

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *