बीते डेढ़ माह से शहर के आउटलेट (मुख्य नाला) की सफाई करायी जा रही है. इसमें नगर निगम की पूरी फौज लगी हुई है. तीन करोड़ से अधिक रुपये खर्च कर जेसीबी, बॉबकट सहित कई अन्य सफाई उपकरण खरीदे गये हैं. सफाई कार्य में लगे कर्मियों की ड्यूटी भी नाले की उड़ाही में लगी है. नौ आउटलेट में से सिर्फ चार की सफाई कराने के लिए नगर निगम ने 5400 मजदूर लगा दिये हैं, जिस पर अब तक 20 लाख से अधिक रुपये का खर्च हुआ है.

ये है हालात

इसके अलावा जेसीबी, ट्रैक्टर सहित अन्य सफाई उपकरणों में लाखों रुपये का ईंधन भरा धुआं में उड़ा दिया गया है. फिर भी जंगल व कूड़ा-कचरा से इस कदर आउटलेट ढका है कि नजदीक जाकर खोजने पर पता चलता है कि यही आउटलेट है. नगर निगम ने जिस रफ्तार से आउटलेट की सफाई पर खर्च किया, उस रफ्तार से तो इन आउटलेट से अभी पानी की भी निकासी नहीं है. सबसे ज्यादा खराब स्थिति रेल लाइन किनारे बीबीगंज गुमटी से लेकर दामुचक फरदो आउटलेट नहर तक वाया भगवानपुर, गोबरसही व मझौलिया गुमटी आउटलेट की है.

मॉनसून के पहले ही मिठनपुरा के दास कॉलोनी में जलजमाव

मॉनसून से पहले ही मिठनपुरा के दास कॉलोनी में सड़क पर दो फीट से भी ज्यादा पानी जमा है. कई घरों में भी पानी घुसा है. यह स्थिति तब है, जब नगर निगम दावा कर रहा है कि इस बार की बारिश में मिठनपुरा इलाके में पानी नहीं लगने दिया जायेगा. दावा का आधार दिघरा तक ड्रेनेज और मिठनपुरा चौक-बेला की तरफ जाने वाले रोड में कल्वर्ट का निर्माण है. बेला में कई जगहों पर यास तूफान के दौरान हुई बारिश में ही पक्की सड़क को काट पानी निकासी का रास्ता बना दिया गया है. लेकिन, जानकारों का कहना है कि दास कॉलोनी में एक कल्वर्ट का निर्माण करा कॉलोनी के नाला को बेला की तरफ जाने वाले मुख्य नाला से कनेक्ट करने पर ही स्थिति सुधरेगी.

प्लास्टिक कचरा व गाद को आउटलेट के बगल में रख छोड़ा

नाव के सहारे गोला बांध रोड-बालूघाट से कमरा मोहल्ला स्लुइस गेट की तरफ बने आउटलेट की सफाई के लिए निगम के कर्मियों के अलावा अतिरिक्त मजदूर भी लगाये गये हैं. गोला बांध रोड से निकले आउटलेट की सफाई के लिए फिर से जेसीबी मशीन को लगाया गया है. करीब 150-200 मीटर की ही सफाई में 50 ट्रैक्टर से ऊपर प्लास्टिक कचरा व गाद निकला है, जिसे आउटलेट किनारे निकाल रखा गया है. आशंका है कि बारिश के बाद फिर से गाद व प्लास्टिक कचरा आउटेलट में बहने के बाद जाम कर देगा.

वार्ड नंबर 36

एक बार नहीं दर्जनों बार दास कॉलोनी की सड़क-नाला के साथ कल्वर्ट निर्माण के लिए नगर निगम को पत्र भेजी हूं. निगम बोर्ड में भी इस मुद्दा को कई बार जोर-शोर से उठाया गया है, फिर भी निगम के अधिकारी कोई ध्यान ही नहीं देते हैं.लोगों की समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है. तत्काल 100-150 फीट तक सड़क निर्माण कराने के साथ एक कल्वर्ट का भी निर्माण करा नाला का कनेक्शन मुख्य आउटलेट से कर दिया जाये तो पानी निकलना शुरू हो जायेगा.

प्रियंका शर्मा, पार्षद, वार्ड नंबर 36

वार्ड नंबर 32

हमारे वार्ड की स्थिति बारिश के दिनों में सबसे खराब रहती है. सड़क व नाला नहीं रहने के कारण पानी की कोई निकासी नहीं है. हमेशा पानी सड़क पर रहता है. पिछले वर्ष अपर नगर आयुक्त आये थे. उन्होंने भरोसा दिया था कि वह इस वार्ड के लिए आगामी मॉनसून से पहले कुछ करेंगे. उनका भी ट्रांसफर हो गया. आज तक कुछ नहीं हुआ. निगम बोर्ड में हम धरना पर भी बैठे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं है. हमारे वार्ड के मिल्की टोला, सादपुरा मेन रोड सहित कई ऐसे गली व रोड है, जहां पानी लगा हुआ है.

गीता देवी, पार्षद, वार्ड नंबर 32

नगर आयुक्त का दावा

इस बार पिछले वर्ष से ज्यादा राशि जरूर खर्च हुई है. लेकिन, छोटे-बड़े सभी नाले की सफाई भी करायी गयी है. लॉकडाउन में प्रमुख सड़क से सटे नाले की भी जेसीबी लगा उड़ाही करायी गयी है. चौक-चौराहे पर जहां-जहां नाला पर अतिक्रमण था, सभी को तोड़ कर जेसीबी से उड़ाही हुआ है. उदाहरण के तौर पर चक्कर चौक बटलर रोड को देखिये. सभी आउटलेट को अतिरिक्त मानव बल रख दो माह से हम साफ करा रहे हैं. अब जितने भी कल्वर्ट हैं, उसकी सफाई करायी जा रही है. सादपुरा रेलवे गुमटी कलवर्ट पर होरिजेंटल ड्रिल मशीन को चार से पांच बार इधर से उधर किया गया. कल्वर्ट पूरी तरह क्लियर है. मिठनपुरा चौक-बेला मोड़ के समीप कल्वर्ट का निर्माण पूरा होने के बाद जैसे ही चालू होगा, तेजी से पानी निकलना शुरू हो जायेगा.

विवेक रंजन मैत्रेय, नगर आयुक्त

Input : (Thakur Shaktilochan) Prabhat khabar

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