मुजफ्फरपुर। चक्रवात के प्रभाव और बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के कारण जिले में पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर बारिश हो रही थी। मगर शनिवार की सुबह से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है।
शहर में टापू जैसा नजारा
मुजफ्फरपुर शहर के मिठनपुरा, मदनानी लेन, ब्रह्मापुरा, बालूघाट, सिकंदरपुर, बीबीगंज, रामबाग और कालीबाड़ी इलाके टापू में तब्दील हो गए हैं। कई मोहल्लों के घरों में बारिश का पानी घुस गया है।
शहर की प्रमुख सड़कें – आमगोला रोड, जवाहरलाल रोड, पक्की सराय, बनारस बैंक चौक, रामबाग रोड, स्टेशन रोड, चक्कर चौक और तिलक मैदान रोड – पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं। मोतीझील स्थित दुकानों तक में पानी घुस चुका है।
बिजली आपूर्ति पर भी असर
लगातार बारिश और आंधी से बिजली व्यवस्था भी चरमरा गई है। एमआईटी क्षेत्र में 33 केवीए लाइन में फॉल्ट आने के कारण शनिवार तड़के चार बजे से ब्रेकडाउन हुआ। हालांकि विभाग ने दूसरे सोर्स से सिकंदरपुर पावर स्टेशन से आपूर्ति शुरू की, लेकिन अभी भी दो-दो घंटे के रोटेशन पर ही बिजली मिल रही है।
ट्रेनें ठप, यात्रियों की फजीहत
बारिश और तेज आंधी के कारण मुजफ्फरपुर-सीवान रेलखंड के छपरा ग्रामीण स्टेशन के पास ओएचई पर पेड़ गिर गया। इससे ओवरहेड वायर टूट गया और ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया।
मुजफ्फरपुर जंक्शन पर दरभंगा-नई दिल्ली क्लोन एक्सप्रेस (02569) रोकी गई, जबकि बिहार संपर्क क्रांति (12566) को छपरा कचहरी तक रोक-रोककर चलाया जा रहा है। वैशाली एक्सप्रेस (12553) भी मुजफ्फरपुर जंक्शन पर खड़ी रही। यात्रियों को घंटों परेशानी झेलनी पड़ी।
बीमारियों का खतरा, प्रशासन अलर्ट
शहर में जलभराव और नमी के चलते डेंगू, मलेरिया जैसे मच्छरजनित रोगों का खतरा मंडरा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से साफ-सफाई रखने और मच्छरदानी के उपयोग की अपील की है।
वहीं, जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन के लिए राहत शिविरों की व्यवस्था शुरू कर दी है। शिविरों में प्रभावित लोगों के लिए भोजन, दवा और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

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