मुजफ्फरपुर: पूर्व मध्य रेलवे ने रेल परिचालन को और सुगम बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुजफ्फरपुर जंक्शन सहित 46 किलोमीटर लंबे मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर रेलखंड को सोनपुर रेल मंडल से हटाकर समस्तीपुर रेल मंडल के अधीन कर दिया गया है। इस रेलखंड के अंतर्गत आने वाले नौ स्टेशन—मुजफ्फरपुर, नारायणपुर अनंत, सिलौत, सिहो, ढोली, दुबहां, विष्णुपुर बथुआ, पूसा, और कर्पूरीग्राम—अब समस्तीपुर रेल मंडल का हिस्सा होंगे। यह बदलाव 1 सितंबर 2025 से लागू होगा, जिसके लिए केंद्र सरकार ने गजट अधिसूचना भी जारी कर दी है।
नई क्षेत्रीय सीमाओं का निर्धारण
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) सरस्वती चंद्र ने बताया कि परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। नई व्यवस्था के तहत, सोनपुर और समस्तीपुर रेल मंडल के बीच नई क्षेत्रीय सीमा मुजफ्फरपुर-रामदयालु नगर स्टेशन के बीच किलोमीटर 50.000 पर निर्धारित की गई है। इसके साथ ही, मुजफ्फरपुर-कपरपुरा स्टेशन (किलोमीटर 92.800), मुजफ्फरपुर-जुब्बा सहनी स्टेशन (किलोमीटर 0.744), और समस्तीपुर-कर्पूरीग्राम स्टेशन (किलोमीटर 36.820) पर मौजूदा क्षेत्रीय सीमाएं समाप्त हो जाएंगी, क्योंकि ये सभी अब समस्तीपुर मंडल के दायरे में आएंगे। रामदयालु नगर स्टेशन अब सोनपुर और समस्तीपुर रेल मंडल का सीमावर्ती स्टेशन होगा।
सोनपुर मंडल का घटा दायरा, समस्तीपुर मंडल का विस्तार
इस बदलाव से सोनपुर रेल मंडल का क्षेत्रफल काफी सिकुड़ गया है। पहले इस मंडल के पास 556 किलोमीटर रेल ट्रैक और 95 स्टेशन थे, लेकिन अब यह घटकर 416 किलोमीटर ट्रैक और 86 स्टेशनों तक सीमित हो गया है। दूसरी ओर, समस्तीपुर रेल मंडल का दायरा बढ़ गया है। इस निर्णय के बाद समस्तीपुर मंडल के पास अब 1206 किलोमीटर रेल ट्रैक और कुल 215 स्टेशन होंगे, जिनमें दरभंगा जैसे प्रमुख स्टेशन पहले से शामिल हैं।
रेल यात्रियों और परिचालन पर प्रभाव
यह पुनर्गठन रेल परिचालन को और सुचारू बनाने में मदद करेगा। समस्तीपुर मंडल के तहत मुजफ्फरपुर जैसे बड़े जंक्शन के शामिल होने से क्षेत्रीय रेल प्रबंधन और ट्रेनों के संचालन में बेहतर समन्वय की उम्मीद है। रेलवे अधिकारियों का मानना है कि यह कदम यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने और परिचालन दक्षता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस बदलाव से न केवल रेल प्रशासन को लाभ होगा, बल्कि बिहार के इस महत्वपूर्ण रेलखंड पर यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों को भी अधिक व्यवस्थित और समयबद्ध सेवाएं मिलने की संभावना है।