मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन परिसर में स्थित मंदिर से जुड़े मुद्दे पर एक अहम बैठक अनुमंडल पदाधिकारी (पूर्वी) अमित कुमार के कार्यालय में आयोजित की गई। इस बैठक में रेलवे प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ मंदिर से जुड़े कई प्रमुख व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। चर्चा का मुख्य उद्देश्य मंदिर के पुनर्निर्माण और इससे संबंधित सभी कार्यों की समीक्षा करना था।
बैठक में मंदिर से जुड़े लोगों ने स्पष्ट किया कि नए मंदिर का निर्माण पूरे विधि-विधान के साथ किया गया है। नवनिर्मित मंदिर में नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा भी शास्त्रीय रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हुई, जबकि पुरानी मूर्ति का विसर्जन भी विधिवत रूप से किया गया। मंदिर के पुजारी पुण्यकांत झा ने लिखित रूप से इसकी पुष्टि की और कहा कि सभी कार्य निर्धारित प्रक्रिया के तहत पूरे किए गए हैं। उपस्थित व्यक्तियों ने एकमत से कहा कि चूंकि सभी धार्मिक और प्रशासनिक प्रक्रियाएं पूरी की जा चुकी हैं, इसलिए अब कोई विवाद या आपत्ति नहीं है।
दरअसल, मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन के विस्तारीकरण और एलिवेटेड रोड निर्माण के लिए स्टेशन परिसर में स्थित मंदिर को पास में ही नए स्थान पर पुनर्निर्माण करना जरूरी हो गया था। इसके लिए रेलवे प्रशासन और मंदिर से जुड़े लोगों के बीच पहले हुई बैठक में आपसी सहमति से निर्णय लिया गया था। इस सहमति के आधार पर ही नए मंदिर का निर्माण, मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा और पुरानी मूर्ति का विसर्जन जैसे सभी कार्य पूरे किए गए। बैठक में इस बात पर संतुष्टि जताई गई कि सभी पक्षों के सहयोग से यह प्रक्रिया सुचारु रूप से संपन्न हुई।