मुजफ्फरपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जो न केवल एक दर्दनाक हादसे की कहानी बयां करता है, बल्कि आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था पर भी सवाल उठाता है। यह घटना काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के गिरिराज सिंह चौक, कलमबाग रोड की है, जहां बीच सड़क पर एक इंसान का कटा हुआ पैर मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई और हड़कंप मच गया।
जांच में पता चला कि यह मामला मुजफ्फरपुर-हाजीपुर रेल लाइन के रामदयालु स्टेशन के पास हुए एक दुखद हादसे से जुड़ा है। यहां 25 वर्षीय आकाश कुमार, जो सदर थाना क्षेत्र के रामदयालु नगर रोड का निवासी है, रेलवे ट्रैक पार करते समय ट्रेन की चपेट में आ गया। इस हादसे में उसका एक पैर बुरी तरह कट गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत उसे इलाज के लिए श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) पहुंचाया, जहां से उसे बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया।
लेकिन असल सवाल तब खड़ा हुआ, जब यह पता चला कि घायल युवक का कटा हुआ पैर रास्ते में ही किसी वाहन या एंबुलेंस से सड़क पर गिर गया। हैरानी की बात यह है कि उसे अस्पताल ले जा रहे लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी। सड़क पर कटा पैर देखकर आसपास के लोग दहशत में आ गए और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची काजी मोहम्मदपुर थाना पुलिस ने पैर को कब्जे में लेकर जांच शुरू की।
थाने के सब-इंस्पेक्टर साकेत कुमार ने बताया कि हादसे के बाद घायल को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया था, लेकिन इस दौरान लापरवाही के चलते उसका कटा पैर रास्ते में गिर गया। पुलिस ने पैर को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
यह घटना न केवल एक दर्दनाक हादसा है, बल्कि यह आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं और मरीजों को ले जाने की प्रक्रिया में गंभीर खामियों को भी उजागर करती है। सवाल यह है कि इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो सकती है? क्या घायल को अस्पताल ले जाने की प्रक्रिया में उचित सावधानी नहीं बरती गई? इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।