मुजफ्फरपुर: IOCL ने शुरू किया “Prison to Pride” खेल शिविर, बंदियों के लिए खोले गए नए अवसर।

मुजफ्फरपुर: IOCL ने शुरू किया “Prison to Pride” खेल शिविर, बंदियों के लिए खोले गए नए अवसर।

मुजफ्फरपुर, 18 मार्च 2025: इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) ने अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के तहत एक अनूठी पहल की शुरुआत की है। केंद्रीय कारा, मुजफ्फरपुर में बंदियों के मानसिक और शारीरिक विकास के साथ-साथ उनमें खेल प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से “Prison to Pride” खेल शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन मंगलवार को संयुक्त रूप से मनीष कुमार मिश्रा (DRSH, मंडल कार्यालय, मुजफ्फरपुर), सतीश कुमार सिंह (मुख्य प्रबंधक, खुदरा विक्रय मंडल कार्यालय, मुजफ्फरपुर), मिथलेश कुमार (वरिष्ठ प्रबंधक, अभियंत्रण) और कारा अधीक्षक ब्रिजेश सिंह मेहता ने किया। यह शिविर अगले दो महीनों तक चलेगा।


खेल के जरिए बंदियों को नई दिशा
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद कारा अधीक्षक ब्रिजेश सिंह मेहता ने अतिथियों का स्वागत किया। मुख्य अतिथि मनीष कुमार मिश्रा ने अपने संबोधन में खेल के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “खेल न केवल शारीरिक विकास में मदद करते हैं, बल्कि यह बंदियों को भविष्य निर्माण और राष्ट्रनिर्माण में सहभागी बनने का अवसर भी प्रदान करते हैं।” इस मौके पर टेबल टेनिस और वॉलीबॉल में भाग लेने वाले बंदियों को प्रेरित किया गया।


IOCL ने प्रदान की खेल किट और उपकरण
IOCL की ओर से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बंदियों को विशेष खेल किट प्रदान की गई, जिसमें ट्रैक सूट, जूते, टी-शर्ट, मोजे और टोपी शामिल हैं। इसके अलावा, खेलों के सुचारू संचालन के लिए टेबल टेनिस टेबल, बॉल, वॉलीबॉल और नेट भी उपलब्ध कराए गए। यह पहल बंदियों के लिए न सिर्फ मनोरंजन का साधन है, बल्कि उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का एक प्रयास भी है।


कार्यक्रम का समापन और खेल की शुरुआत
कार्यक्रम के अंत में उपाधीक्षक ने समापन भाषण दिया और इसके साथ ही खेल गतिविधियों का शुभारंभ हुआ। अगले दो महीनों तक चलने वाले इस शिविर में बंदियों को प्रशिक्षण और प्रतिस्पर्धा का मौका मिलेगा, जिससे उनकी प्रतिभा को निखारने में मदद मिलेगी।


सामाजिक बदलाव की दिशा में कदम
“Prison to Pride” जैसे आयोजन समाज में सुधार और पुनर्वास की भावना को मजबूत करते हैं। IOCL की यह पहल न केवल बंदियों के जीवन में नई उम्मीद जगाने का काम करेगी, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कॉर्पोरेट क्षेत्र सामाजिक जिम्मेदारी को कितनी गंभीरता से ले सकता है। आने वाले दिनों में इस शिविर के परिणामों पर सभी की नजरें रहेंगी।

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